अमेरिका और ताइवान के बीच हथियारों की इस प्रस्तावित डील के बाद चीन के साथ रिश्ते और ज्यादा खराब हो सकते हैं.
वाशिंगटन: चीन के साथ जारी तनाव के बीच अमेरिकी प्रशासन ने ताइवान को 1 अरब डॉलर यानि करीब 7300 करोड़ रुपये के घातक हथियारों की बिक्री की मंजूरी दे दी है. अमेरिका के इस फैसले से चीन नाराज हो सकता है, जो पहले ही व्यापार, तिब्बत और हॉन्गकॉन्ग जैसे मुद्दों पर उग्र है. इस डील के जरिए अमेरिका, ताइवान को चीन के खिलाफ मजबूत करना चाहता है.
सतह पर मार करने वाली मिसाइलें देगा अमेरिका
इस डील के तहत अमेरिका सतह पर मार करने वाली 135 मिसाइल और उपकरण ताइवान को देगा. ये मिसाइलें बोइंग द्वारा बनाई गई हैं. इसके साथ ही अमेरिका रक्षा क्षमताओं में सुधार के लिए ताइवान की सेना को प्रशिक्षण भी देगा, जिस पर विदेश मंत्रालय ने मुहर लगा दी है. बयान में कहा गया कि यह पैकेज एक बिलियन डॉलर से अधिक का है.
बढ़ेगी ताइवान की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता
एक बयान में कहा गया, “इस प्रस्तावित डील से ताइवान को सैन्य संतुलन और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ अपनी सुरक्षा को बेहतर बनाने और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी. ताइवान इस डील से सतह पर होने वाले हमलों का मुकाबला करने या प्रतिरोध करने में सक्षम होगा.”
अमेरिका-चीन के रिश्ते और हो सकते हैं खराब
ट्रंप प्रशासन ने ताइवान को लेकर इस साल बेहद आक्रामक रुख अख्तियार किया है और इन हथियारों की डील के बाद चीन के साथ उसके रिश्ते (US-China Relation) और ज्यादा खराब हो सकते हैं. क्योंकि चीन ने पहले भी ताइवान द्वारा अमेरिकी हथियारों की खरीद पर उग्र प्रतिक्रिया दी थी.
