चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत और अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच यह दर्शाने का प्रयास किया है कि चीन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. हालांकि, हकीकत यह है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खिलाफ कसते घेरे से डरा हुआ है और इसी डर को दूर करने के लिए बयानबाजी कर रहा है.
बीजिंग: चीन के खिलाफ दुनिया में तेजी से माहौल बन रहा है. भारत से सीमा विवाद और कोरोना महामारी के चलते कई देश बीजिंग से मुकाबले के लिए एक साथ आ गए हैं. इस अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने चीन की नींद उड़ा दी है, वह अपना डर छिपाने के लिए बयानबाजी का सहारा ले रहा है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को धमकी भरे अंदाज में कहा कि यदि चीन के सुरक्षा हितों और संप्रभुता को नुकसान पहुंचा, तो हम खामोश नहीं बैठेंगे.
निशाने पर अमेरिका
जिनपिंग ने अप्रत्यक्ष तौर पर भारत और अमेरिका को निशाना बनाते हुए कहा कि चीन न तो आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास करेगा और न ही विस्तारवाद को बढ़ावा देगा, लेकिन यदि चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की अनदेखी की जाती है, उन्हें किसी तरह प्रभावित किया जाता है, तो फिर हम खामोश नहीं बैठेंगे’.
दबाव कम करने की रणनीति
चीनी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण या उसे बांटने की कोशिश करे. अगर स्थिति गंभीर होती है तो चीनी जनता निश्चित रूप से इसका मुंहतोड़ जवाब देगी. शी जिनपिंग का यह बयान अपने ऊपर बन रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करने की रणनीति का हिस्सा है. जब भी चीन खुद को घिरा पाता है, तो इसी तरह की बयानबाजी करके यह दिखाने का प्रयास करता है कि वो हर स्थिति के लिए तैयार है.
भुगत रहा खामियाजा
मौजूदा वक्त में चीन भारत और अमेरिका के साथ विवाद में उलझा है. भारत के साथ सीमा विवाद को उसने खुद हवा दी थी, जिसका खामियाजा उसे अभी तक उठाना पड़ रहा है. इस मुद्दे पर नई दिल्ली के पास अमेरिका सहित कई देशों का समर्थन है. इसके अलावा, कोरोना महामारी को लेकर भी वह पूरी दुनिया के निशाने पर है. उसके कुछ पुराने सहयोगी भी उसका साथ छोड़ चुके हैं. साथ ही उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें की जा रही हैं और उनमें सफलता भी मिली है. चौतरफा हो रहे हमलों के चलते चीन अब बौखलाने लगा है. राष्ट्रपति जिनपिंग के बयान में यह बौखलाहट साफ नजर आती है.
भारत आ रहे हैं माइक पोम्पिओ
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ अगले हफ्ते दिल्ली में भारत और अमेरिका (America) के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने आ रहे हैं. अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से कहा गया है कि इसमें चीन से होने वाले खतरों पर चर्चा की जाएगी. नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की स्थिति पर चर्चा की जाएगी. यह बैठक 26 और 27 अक्टूबर को दिल्ली में होगी. बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी भारत आ रहे हैं.
चीन की हरकतों पर चर्चा
वाशिंगटन में संवाददाताओं से बात करते हुए दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के उप सहायक सचिव डीन आर थॉम्पसन ने कहा है, निश्चित रूप से दोनों देशों की टू प्लस टू मीटिंग के दौरान एलएसी के कुछ बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी. हम स्थिति को बारीकी से समझना चाहते हैं. दोनों पक्ष (भारत-अमेरिका) हिंसा रोकने के लिए प्रयासरत हैं.
