प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले हफ्ते किए गए हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे बड़ी हाईवे सुरंग ‘अटल टनल’ के उद्घाटन की वजह से चीन को मिर्ची लगी है। लद्दाख में महीनों से तनाव पैदा कर रहे ड्रैगन ने अपने सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिए से अटल टनल पर टिप्पणी की है। चीनी विशेषज्ञ ने लेख में बताया है कि भारत को इस तरह के उकसावे से बचना चाहिए और युद्ध की स्थिति में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) टनल को बेकार बनाने में सक्षम है। हालांकि, चीन ने यह भी माना है कि भारत को सैन्य मोर्चे पर अटल टनल से मदद मिलेगी।
सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स में लिखा है, ”जैसा कि क्षेत्र पठार और कम आबादी वाला है, इस तरह के रास्ते को मुख्य रूप से सैन्य उद्देश्यों के लिए बनाया जाता है। अटल टनल की शुरुआत होने से भारतीय सेना को सीमा पर जल्द से जल्द तैनात किया जा सकेगा। इसके अलावा, सेना के लिए आपूर्ति को भी इसी टनल के माध्यम से पूरा किया जा सकेगा। यह सच है कि टनल की वजह से भारत के अन्य हिस्सों से लेह तक की दूरी कम हो जाएगी।”
भारतीय सैनिकों के लिए मददगार होगी टनल
ग्लोबल टाइम्स के लेख में आगे कहा गया, ”भारतीय सैनिकों और उनकी आपूर्ति के लिए यह टनल काफी मददगार होने जा रही है। लेकिन, युद्ध के समय में टनल का कोई भी फायदा नहीं होगा। खासकर अगर सैन्य युद्ध होता है तो। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस टनल को बेकार बना देगी।” लेख के जरिए से चीन ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि भारत को उकसावे से बचना चाहिए। लेख में कहा गया, ”चीन और भारत के लिए बेहतर है कि वे एक-दूसरे के साथ शांति से रहें। भारत को खुद को संयमित करना चाहिए और उकसावे से बचना चाहिए क्योंकि कोई भी रास्ता मौजूद नहीं है जो भारत की युद्ध क्षमता को बढ़ा सकता है। आखिरकार, चीन और भारत के बीच युद्ध की प्रभावशीलता में बहुत बड़ा अंतर है। भारत चीन के स्तर तक पहुंचने से बहुत दूर है।”
सीमा पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा भारत
पिछले कुछ समय से भारत बॉर्डर क्षेत्रों पर बुनियादी ढांचों का निर्माण तेजी से कर रहा है। चीन ने इस पर भी अपनी राय रखी है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत चीन-भारत सीमा पर सड़क, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण को आगे बढ़ा रहा है। 255 किलोमीटर लंबी- दरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएसडीबीओ) सड़क का निर्माण लगभग दो दशकों के बाद पिछले साल पूरा हुआ है। पहाड़ से होकर लद्दाख क्षेत्र तक सड़क अपना रास्ता बनाती है। इन सड़कों के अलावा, भारत सरकार ने चीन-भारत सीमा के साथ 73 रणनीतिक सड़कों की पहचान की है, जो कि वे आगामी सर्दियों के महीनों में बनाना जारी रखेंगे।
मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ेगी टनल
बता दें कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल का उद्घाटन किया था। यह टनल हिमाचल प्रदेश के मनाली को लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख से जोड़ेगी। अटल टनल का साउथ पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर करीब 3060 मीटर की उंचाई पर स्थित है। वहीं टनल का उत्तरी छोर लाहौल घाटी के सीसू के तेलिंग गांव में 3071 मीटर की उंचाई पर स्थित है। नौ किलोमीटर लंबी अटल टनल के निर्माण से लेह-लद्दाख में सरहद तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर सफर कम होने के साथ ही यह टनल भारतीय सेना को सामरिक रुप से मजबूती भी प्रदान करेगी। सेना को सीमा में पहुंचने के लिए समय कम लगेगा और बर्फबारी के दौरान सैन्य सामान पहुंचाना भी आसान होगा।
