बिलासपुर/ बिलासपुर के उज्जवला गृह कांड में शामिल सभी मुख्य आरोपियों की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी जितेंद्र मौर्य की जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है वही अब उसकी महिला सहभागियों की भी अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। आज से 6 महीने पहले बिलासपुर के उज्जवला गृह में लड़कियों से जबरदस्ती देह व्यापार कराने का मामला सामने आया था। इसके बाद मुख्य संचालक जितेंद्र मौर्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वही अपराध में शामिल उज्जवला ग्रह की 2 महिला कर्मचारी नीलाम कुंटे और आरती वर्मा इस घटना के बाद से अभी फरार चल रही है। उस वक्त बिलासपुर पुलिस पर मामले को दबाने का भी आरोप लगा था जिसके बाद उन्होंने आईजी बिलासपुर को एक लिखित शिकायत दी थी। तब FIR दर्ज हुई। बाद में तीनों महिलाओं ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया था।
पत्नी को ढूंढते पति पहुंचा था उज्जवला गृह, तब हुआ मामले का खुलासा
दरअसल, 17 जनवरी को बिलासपुर के सरकंडा स्थित उज्जवला गृह में दुष्कर्म और शारीरिक प्रताड़ना का मामला पहली बार सामने आया था। इससे एक दिन पहले एक युवती अपने पति से झगड़ा कर घर से निकल गई थी और राजकिशोर नगर स्थित उज्ज्वला गृह के आसपास भटक रही थी। तभी उसे एक महिला, उसके रहने और नौकरी दिलाने का भरोसा देकर उज्जवला गृह छोड़ गई थी। दूसरे दिन उसका पति अपने परिवार के साथ जब उसे लेने पहुंचा तो वहां अधीक्षक ने सबूत के तौर पर उनसे आधार कार्ड आदि की मांग की जिससे जबरदस्त विवाद हो गया। इसी बीच महिला के पति के साथ आए लोग उज्ज्वला गृह की पहली मंजिल तक पहुंच गए। वहां दो महिलाओं ने उनसे देह व्यापार कराने और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुये उन्हें भी से छुड़ा ले जाने की गुहार लगाई। जिसके बाद सरकंडा थाने में पहुंचकर उक्त पीड़ित महिला के पति ने घटना की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस तीनों महिलाओं को थाने ले आई जहां सीएसपी निमीषा पाण्डेय ने तीनों का बयान लिया। सीएसपी पाण्डेय ने बताया था कि तीनों युवतियों ने किसी किस्म के दुष्कर्म , शारीरिक प्रताड़ना व नशे की दवा देने जैसा कोई आरोप नहीं लगाया। पुलिस ने महिलाओं के बयान को रिकॉर्ड भी किया और दोनों पक्षों के खिलाफ गाली-गलौच और उज्ज्वला गृह में जबरदस्ती प्रवेश आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस पर लगाए थे गंभीर आरोप
पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर पीड़ित महिलाओं ने मीडिया से बात की और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला गृह में दुष्कर्म, शारीरिक प्रताड़ना और नशे की गोली खिलाना आम बात है। एक महिला ने उज्जवला गृह के संचालक जितेंद्र मौर्य पर दुष्कर्म का आरोप भी लगाया। उसने यह भी बताया कि संचालक उसे दूसरे युवकों के साथ बाहर भेजने की फिराक में था और मना करने पर उसे निर्वस्त्र रखकर शारीरिक प्रताड़ना दी गई। एक अन्य युवती ने बताया कि वह अपनी मां से विवाद होने के बाद वहां पहुंची थी । उसे खाने में नशा मिलाकर दिया जाता था जिसके बाद वह गहरी नींद मे चली जाती थी मगर सुबह उठने पर उसका सारा शरीर टूटता था। उस महिला ने कहा कि उसे अपने साथ दुष्कर्म किए जाने का अंदेशा है। तीनों महिलाओं ने बताया कि हमने पुलिस को यह बात बताई थी लेकिन बड़ी मैडम (सी एस पी निमीषा पाण्डेय) ने कहा कि तुम्हें सिर्फ शारीरिक प्रताड़ना, भोजन नहीं देने की बात कहनी है और हमारा वीडियो उनके बयान के अनुसार ही रिकॉर्ड किया गया था।