कोरबा (बीसीसी न्यूज़24): ग्राम तरदा के पास खेत में राख फेंके जाने से नाराज ग्रामीणों और ब्लैक स्मिथ कंपनी के कर्मचारी आमने-सामने हो गए। इसे लेकर कंपनी के कर्मचारी और ग्रामीणों के बीच जमकर मारपीट हो गई। कंपनी के लोगों का कहना है कि ग्रामीणों ने उन पर हमला किया है। वहीं ग्रामीणों ने कंपनी के कर्मचारियों पर महिलाओं को पीटने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों को समर्थन देते हुए पूर्व गृहमंत्री व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर स्थल पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने गाड़ी जब्त की, तब जाकर देर रात को धरना खत्म किए।
ग्रामीणों के खेत व समतल जमीन में राख फेंके जाने के मामले में छह दिन पहले ग्रामीणों ने विरोध कर विधायक ननकीराम की अगुवाई में धरना दिया था। तहसीलदार से चर्चा के दौरान कार्रवाई करने के आश्वासन पर आंदोलन खत्म हुआ, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बताया जा रहा है कि शनिवार को ठेका कंपनी के कर्मी हाइवा में राख भर कर डंप करने पुनः ग्राम तरदा-भलपहरी पहुंच गए। इसकी जानकारी मिलने पर काफी संख्या में गांव की महिलाएं स्थल पर पहुंच गई और विरोध करने लगीं। उनका कहना था कि जब प्रशासन ने राख डालने पर रोक लगाया है, तो राख क्यों डाली जा रही है। इस पर ठेका कंपनी के मुंशी व अन्य कर्मियों ने आपत्ति जताते हुए महिलाओं के साथ न केवल गाली-गलौज किया, बल्कि अभद्र व्यवहार भी किया। इससे स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण स्थल पर पहुंच गए। इस बीच किसी ने घटना की जानकारी विधायक ननकीराम को दे दी। वे भी स्थल पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। स्थिति बिगड़ने की जानकारी मिलने पर नगर कोतवाल दुर्गेश शर्मा उरगा पुलिस कर्मियों के साथ स्थल पर पहुंचे। ग्रामीण व ठेका कंपनी को समझाइश दी गई। साथ ही विधायक कंवर को भी कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। पुलिस ने राख भरे हाइवा को जब्त कर उरगा थाने में खड़ा करा दिया। ग्रामीण महिलाएं समेत अन्य लोग व ठेका कंपनी के कर्मी देर शाम को उरगा थाना पहुंच कर घटना की शिकायत की। कार्रवाई के बाद विधायक ननकीराम ने धरना खत्म कर दिया।
-कार्रवाई नहीं हुई तो भूख हड़ताल पर बैठूंगा : ननकीराम
विधायक ननकीराम कंवर ने कहा कि ठेका कंपनी ब्लैक स्मिथ के कर्मी अपने आपको सरकार के करिंदे बता रहे हैं। कंपनी का ठेका निरस्त करने व किसानों की भूमि पर राख फेंके जाने पर कार्रवाई की गई थी, पर दोनों मांग पूरी नहीं की गई। उल्टे राख फिर से फेंकना शुरू कर दिया गया, इसलिए मुझे धरने पर बैठना पड़ा। प्रशासन ने आगे भी कार्रवाई नहीं की, तो भूख हड़ताल पर बैठूंगा।
