Monday, May 6, 2024
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अब छत्तीसगढ़ में महिला पार्षद का दावा: वैक्सीनेशन के बाद चुंबक की तरह काम कर रहा शरीर; चिपकने लगे हैं सिक्के और स्टील के बर्तन, हाथ हिलाने पर भी नहीं गिरते

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव की एक महिला पार्षद ने दावा किया है कि वैक्सीनेशन के बाद उनके शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई है। अब उनका शरीर चुंबक की तरह काम कर रहा है। इसके चलते सिक्के, लोहे और स्टील के बर्तन शरीर में चिपक रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि हाथ हिलाने पर भी यह चिपके ही रहते हैं। ऐसा ही मामला शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में सामने आया था। इसके बाद राजस्थान के सीकर में भी एक दंपती ने ऐसा ही दावा किया है।

नासिक की खबर पढ़ी तो खुद पर किया टेस्ट

दरअसल, राजनांदगांव में वार्ड नंबर 23 की पार्षद हैं सुनीता फड़नवीस। वह कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुकी हैं। उन्हें दूसरी डोज 2 मई को ही लगाई गई है। उन्होंने बताया कि सुबह नासिक की खबर पढ़ी थी। उससे देखकर लगा कि खुद पर भी ट्राई करते हैं। इसके बाद पता चला कि बायां हाथ मैग्नेट की तरह काम कर रहा है। पहले सिक्के चिपका कर देखे। वह चिपक गए तो बर्तन भी चिपकाए।

खबर सुनकर आस-पड़ोस के लोग भी पहुंचे टेस्ट करने

इसकी जानकारी मिलते ही आसपास के लोग भी महिला पार्षद सुनीता फड़नवीस के घर पहुंच गए। वे भी पार्षद के हाथ में बर्तनों को चिपका कर देख रहे हैं। सभी उनसे इस बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। आखिर वैक्सीन से हुआ है या फिर कोई और वजह है। वहीं टीकाकरण अधिकारी बीएल कुमरे भी उनके घर पहुंचे और चेक करके देखा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद ऐसा नहीं होता है। इसकी रिपोर्ट बनाकर अफसरों को भेजेंगे।

कलेक्टर बोले- वैक्सीन सुरक्षित, अफवाह से दूर रहें

वहीं कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर CMHO डॉ. मिथलेश चौधरी ने जांच के लिए टीम भेजी है। CMHO डॉ. चौधरी ने बताया कि वैक्सीन के कारण ऐसा होना नहीं पाया गया है। पसीने या अन्य कारण से ऐसा हो गया है, जो एक समान्य प्रक्रिया है। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और वैक्सीन लगाने से ऐसा नहीं होता है। उन्होंने इसका खंडन किया है। कलेक्टर सिन्हा ने अपील की है वैक्सीन से संबंधित अफवाह व भ्रम में न आएं।

महाराष्ट्र सरकार जांच कराएगी, राजस्थान के डॉक्टर बोले- निराधार

वैक्सीनेशन के बाद शरीर में चुंबकीय शक्ति मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने जांच कराने की बात कही है। वहीं वहां के डॉक्टर भी इससे हैरान हैं। दूसरी ओर राजस्थान के डॉक्टरों ने इस पूरी घटना को ही निराधार बताया है। उनका कहना है कि वैक्सीन के प्रति भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जो निराधार और पूरी तरह गलत है। शरीर में फॉरेन बॉडी होने से ऐसा हो सकता है, लेकिन यह लाखों में कुछ लोगों में होती है। गर्मी में पसीने से चिपकना ही एक मात्र कारण है।

फॉरेन बॉडी का ये है मतलब

राजस्थान के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर दिनेश जिंदल ने बताया कि लोहे की कील और बोल्ट निगल जाना या शरीर मे फ्रैक्चर के बाद रोड लगाना फॉरेन बॉडी कैटेगरी में आता है। जिसमें शरीर के अंदर मेटल मौजूद होता है। इस केस में ऐसा होना संभव है।

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