प्रतीकात्मक फोटो।
रायपुर/ राज्य में उद्योग हितैषी फैसलों और निर्णयों के फलस्वरूप इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों के क्रियान्वयन में देश के पहले 20 राज्यों में शामिल हो गया। इस वजह से छत्तीसगढ़ सहित 20 राज्यों को जीएसडीपी के 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लेने के लिए पात्रता श्रेणी मिल गई है।
भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने वाले विभाग की अनुशंसा के अनुसार वित्त मंत्रालय द्वारा 20 राज्यों को वित्तीय स्त्रोत के रूप में 39 हजार 521 करोड़ रुपए खुले बाजार से ऋण लेने की अनुमति दी गई है। छत्तीसगढ़ राज्य को अतिरिक्त वित्तीय स्त्रोत के रूप में 895 करोड़ रुपए ऋण लेने की अनुमति दी गई है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में भविष्य में तेजी आएगी।
कोरोना संकट काल को देखते हुए भारत सरकार ने गत 17 मार्च को औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक लोन लेने की सीमा बढ़ाई गई थी। इस विशेष व्यवस्था के तहत आधी राशि नागरिक सुविधाओं पर केन्द्रित गतिविधियों पर राज्यों को खर्च की जानी थी। इसके लिए चार विशेष क्षेत्रों का निर्धारण किया गया था, इनमें वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम, इज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार, शहरी स्थानीय निकाय उपयोगिता सुधार और पावर सेक्टर सुधार करना शामिल था।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में किए ये सुधार
- पहले चरण में जिला स्तर पर सुधारों के लिए एक्शन प्लान को पूर्ण करना
- दूसरे चरण में विभिन्न अधिनियमों के तहत उद्योगों को पंजीयन सर्टिफिकेट, अनुमोदन, लाइसेंस की प्रक्रिया को समाप्त करना।
- तीसरे चरण में कम्प्यूटरीकृत केन्द्रीय निरीक्षण की व्यवस्था, उद्योगों के निरीक्षण के लिए एक ही निरीक्षक को पुनः अगले वर्ष उसी इकाई का निरीक्षण की जिम्मेदारी नहीं देना।
- औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण के लिए उद्योगपतियों को पूर्व में नोटिस जारी करना।
- निरीक्षण के 48 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना।