Saturday, April 20, 2024
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इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को दिया अस्थायी प्रांत का दर्जा… तो भारत भड़का, जताई कड़ी प्रतिक्रिया.. कहा अवैध कब्जे को तुरंत खाली करें पाक….

नई दिल्ली / भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर आपत्ति जताई है जिसमें गिलगित बाल्टिस्तान में चुनाव कराने और सरकार बनाने को मंजूरी दी गई है.

भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गिलगित बाल्टिस्तान भारत का अविभाज्य हिस्सा है. पाकिस्तान को उसके अवैध कब्जे में मौजूद हर क्षेत्र को तुरंत खाली करना चाहिए. पाकिस्तान सरकार या उसकी न्यायपालिका का अवैध और जबरन कब्जाये इलाकों पर कोई अधिकार नहीं है.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने वहां की सरकार को 2018 के एक प्रशासनिक आदेश में बदलाव कर गिलगित बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की इजाजत दी है. आदेश के तहत चुनाव के दरम्यान पाकिस्तान वहां अस्थायी सरकार भी बनवा सकता है.

गिलगित बाल्टिस्तान पर 2018 का पाकिस्तान का प्रशासनिक आदेश पहले से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कई मसलों पर अधिकार देता है. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने वहां चुनाव कराने का आदेश जारी किया है.

पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पूर्ण राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है. अगर ऐसा हो जाता है तो गिलगित-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान का 5वां प्रांत बन जाएगा. अभी तक मुख्य तौर पर पाकिस्तान के चार प्रांत हैं. इनमें पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान शामिल हैं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने के ऐलान पर भारत ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान की ओर जबरन कब्जा किए गए भारतीय भूभाग में किसी भी बदलाव को भारत खारिज करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा दोहराया कि गिलगित बाल्टिस्तान सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि पाकिस्तान इन क्षेत्रों का दर्जा बदलने की बजाय अवैध कब्जे को खाली करे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत संघ में वैध, पूर्ण और बेबदल विलय की वजह से पाकिस्तान सरकार का जबरन कब्जाए गए भूमि पर हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। अवैध कब्जे को छिपाने के लिए पाकिस्तान की ओर से इस तरह के प्रयास से पाक अधिकृत क्षेत्र में रह रहे लोगों के साथ सात दशक से मानवाधिकारों के उल्लंघन और आजादी से वंचित रखने को छिपाया नहीं जा सकता है।” प्रवक्ता ने कहा कि इन भारतीय क्षेत्रों का दर्जा बदलने की बजाय पाकिस्तान तुरंत अवैध कब्जे को खाली करे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह घोषणा उस दौरान की, जब गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग इमरान सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। इमरान खान ने अस्थायी प्रांत का ऐलान करते हुए कहा, ”मेरे गिलगित-बाल्टिस्तान आने के पीछे की वजहों में से एक यह ऐलान करना है कि हमने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत बनाने का निर्णय किया है।” पाकिस्तान का ऐलान सऊदी अरब के उस कदम के बाद आया है, जब हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के मैप से गिलगित-बाल्टिस्तान को हटा दिया था।

बीते लंबे समय से पाकिस्तान की इमरान सरकार के खिलाफ गिलगिल-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। लोग इमरान सरकार का जमकर विरोध करते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सरकार के इस फैसले के बाद स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन और बड़े स्तर पर भड़क सकते हैं।

इससे पहले, 8 अक्टूबर को पीओके के मुजफ्फराबाद शहर में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट ने सरकार के गिलगिल-बाल्टिस्तान के संभावित फैसले के खिलाफ जमकर विरोध किया था। इस दौरान, इमरान खान के खिलाफ खूब नारेबाजी भी हुई थी। वहीं, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट्स का कहना है कि वे बलिदान देने को तैयार हैं, लेकिन पाकिस्तान को क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नहीं करने देंगे। गिलगित-बाल्टिस्तान के वे लोग, जो दूसरे शहरों में रह रहे हैं, उन्होंने भी इस्लामबाद के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला लिया है।

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