नई दिल्ली: जुलाई महीने की पहली तारीख से बैंकिंग और आयकर मे कई नियम बदलने जा रहे हैं। इनमें सर्वाधिक ग्राहकों वाले भारतीय स्टेट बैंक के नए नियम प्रमुख हैं। बैंक अब महीने में चार बार से ज्यादा नकद निकासी पर शुल्क वसूलने जा रहा है। इसके अलावा कारोबारियों के लिए टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) नियमों में भी बदलाव लागू हो जाएंगे। इसी तरह हर महीने की तरह एक जुलाई से भी घरेलू गैस सिलेंडरों के दाम बदल जाएंगे।
बैकिंग: एसबीआई 5वीं बार पैसे निकालने पर चार्ज लेगा
- भारतीय स्टेट बैंक शाखा हो या एटीएम, अब सिर्फ महीने में चार बार ही नकद निकाल सकेंगे। इसके बाद हर निकासी पर 15 रुपए के साथ जीएसटी (वस्तु एवं उत्पाद कर) शुल्क बैंक आपके खाते से कटेंगे।
- 10 पन्नों की मुफ्त मिलने वाली चेक बुक के लिए बैंक अब 40 रुपए शुल्क और जीएसटी चार्ज वसूलेंगे। अगर इमरजेंसी में चेक बुक ली, तो चार्ज 50 रुपए हो जाएगा। हां, अगर चेक बुक के जरिए अगर आप होम ब्रांच से ही रुपए निकालते हैं तो शुल्क में छूट मिल सकती है। यह नियम वरिष्ठ नागरिकों पर लागू नहीं होगा। उन्हें पहले की तरह चेक बुक मुफ्त में ही मिलेगी।
- सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, तो कॉरपोरेशन और आंध्रा बैंकों का यूनियन बैंक में विलय किया गया है। अब इन बैंकों के ग्राहकों को नई चेक बुक लेनी होगी। अपडेट आईएफएससी कोड का भी इस्तेमाल करना होगा।
वाहन: मारुति और हीरो गाड़ियों के दाम बढ़ाएंगी
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया की कारें और हीरो की बाइक एक जुलाई से महंगी हो जाएंगी। हीरो स्कूटर और मोटरसाइकिल के एक्स-शो रूम कीमतें तीन हजार रुपए तक बढ़ा रहा है। वहीं मारुति भी अपनी कई सेगमेंट की कारों के दाम बढ़ाएगा।
ईंधन: एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बदलेंगी
हर महीने की तरह एक जुलाई से भी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें बदल जाएंगी। हालांकि यह बदलाव कितने का होगा, यह अभी तक तेल कंपनियों ने नहीं बताया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से कीमतों में इजाफा तय माना जा रहा है।
आयकर: 50 लाख से ऊपर की खरीद पर टीडीएस कटेगा
- आयकर अधिनियम में हाल ही में सेक्शन-194 क्यू जोड़ा गया है। यह सेक्शन किसी सामान को खरीदने के लिए पहले से ही तय कीमत के भुगतान पर लगने वाले टीडीएस से जुड़ा है।
- नए सेक्शन के तहत 50 लाख रुपए से ऊपर की कारोबारी खरीद पर 0.10 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा। अगर पिछले साल किसी कारोबारी का टर्नओनर 10 करोड़ या उससे अधिक रहा है तो इस साल वह 50 लाख से ऊपर तक का माल खरीद सकेगा। इससे ऊपर की बिक्री होगी, टीडीएस कटेगा।
- एक जुलाई से 206 एबी सेक्शन भी प्रभाव में आ जाएगा। इसके तहत, अगर विक्रेता ने दो साल तक आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया तो यह टीडीएस 5% हो जाएगा। यानी पहले जो टीडीएस 0.10 था, उसके पांच फीसदी होने का मतलब है कि टीडीएस की दर 50 गुना बढ़ जाएगी।