Saturday, April 20, 2024
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कांस्टेबल 10 लाख रुपये रिश्वत लेते हुआ गिरफ्तार..एक दवा कारोबारी के भतीजे को आरोपी न बनाने की एवज में की थी डिमांड…

जयपुर । कांस्टेबल को 10 लाख रूपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। मामला जयपुर के श्रीगंगानगर स्थित जवाहर नगर थाना इलाके का है। पुलिस कांस्टेबल को जयपुर के एक होटल में 10 लाख रुपये की रिश्वत हुए गिरफ्तार किया गया. यह पहली बार नहीं है जब पुलिस कांस्टेबल ने किसी से रिश्वत ली हो. पुलिस कांस्टेबल ने यह रिश्वत एनडीपीएस एक्ट से जुड़े मुकदमे में यूपी के एक दवा कारोबारी के भतीजे को आरोपी न बनाने की एवज में मांगी थी. इससे पहले भी कांस्टेबल शिकायतकर्ता पीड़ित से 16 लाख रुपये की रिश्वत ले चुका है.

पुलिस कांस्टेबल के अलावा इस मामले में जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सियाग भी शामिल है. थाना प्रभारी झुंझुनूं का रहने वाला है, जो कि एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई की भनक लगने के बाद फरार हो गया. बताया जा रहा है कि मामले की कार्रवाई एसीबी जोधपुर टीम के प्रभारी एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह चौधरी और पुलिस इंस्पेक्टर मनीष वैष्णव की अगुवाई में हुई.

इस बारे में बात करते हुए एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि पुलिस कांस्टेबल को मंगलवार को जयपुर में टोंक रोड पर स्थित होटल रेडिसन ब्लू में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया, जिसका नाम नरेशचंद मीणा है. पुलिस कांस्टेबल करौली जिले के नादौती तहसील में गांव मिलक सराय का रहने वाला है और इस समय वह श्रीगंगानगर जिले के जवाहर नगर थाने में तैनात है.

बता दें कि उत्तरप्रदेश के कानपुर में गोविंद नगर के रहने वाले हरदीप सिंह ने बीते 26 अक्टूबर को एसीबी जोधपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसमें बताया गया था कि उनकी और उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा की बिरहना रोड कानपुर में स्थित फार्मा दुकान को लेकर श्रीगंगानगर जिले के सदर थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मुकदमे क जांच चल रही है. इसमें बताया जा रहा है कि फार्मा दुकान में नशीली गोलियां पकड़ी गई थीं. हालांकि, जांच में नशीली गोलियों के कारोबार में उनकी फर्म की कोई भूमिका सामने नहीं आई, जिसके बावजूद थानाप्रभारी राजेश सियाग ने उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा को नोटिस दे दिया.

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