Friday, May 3, 2024
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कोरबा: 3 महीने से बीमार मादा हाथी की मौत…वन विभाग ने बताई नेचुरल डेथ, जिले में 21 साल में 21 ने तोड़ा दम…

कोरबा जिले में 65 साल की मादा हाथी की मौत - Dainik Bhaskar

कोरबा जिले में 65 साल की मादा हाथी की मौत

कोरबा/ छत्तीसगढ़ में फिर एक हाथी की मौत हुई है। इस बार कोरबा जिले के कुदमुरा रेंज में 65 साल के मादा हाथी की मौत हुई है। पता चला है कि हथिनी पिछले 3 महीने से बीमार चल रही थी। जिसका इलाज वन विभाग की टीम की ओर से किया जा रहा था। यह भी बताया गया है कि हथिनी इतनी बीमार थी कि वो ठीक से चल फिर भी नहीं पा रही थी। आखिरकार शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई है। प्रदेश में पिछले 4 दिनों में 2 हाथियों की जान चली गई है।

वन विभाग ने बताई नेचुरल डेथ

वन विभाग ने हथिनी की मौत को नेचुरल डेथ करार दिया है। वाइल्ड केयर चिकित्सक की देखरेख में हथिनी का इलाज किया जा रहा था। ये हथिनी रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल से भटक कर कोरबा में दाखिल हुई थी। इससे पहले वो पिछले 3 महीने से कोरबा और धरमजयगढ़ के वन मंडल में विचरण कर रही थी। इस दौरान वो 6 जुलाई को कोरबा वन मंडल में पहुंची थी।

21 साल में 21 हाथियों की मौत

वन विभाग ने बताया है कि इन हाथियों की औसत उम्र 55 से 60 वर्ष के बीच होती है। फिलहाल हथिनी का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। जिसके बाद ही उसका अंतिम संस्कार होगा। वन विभाग के मुताबिक कोरबा में पहली बार 2000 में हाथी पहुंचे थे। इसके बाद से अब तक जिले में 21 हाथियों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है।

जशपुर में दंतैल का शव मिला था

प्रदेश में हाथियों के मौत के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। इससे पहले 10 जुलाई को जशपुर में नर दंतैल (टस्कर) हाथी की मौत हो गई थी। उसका शव नर्स क्वार्टर के पास मिला था।आशंका जताई गई थी कि अनाज खाकर लौटते समय वह करंट की चपेट में आ गया होगा और मौत हुई होगी। हाथी की मौत किस कारण से हुई उसका पता लगाया जा रहा है। वहीं जून महीने में भी एक मादा हाथी की मौत हुई थी। उसका शव रायगढ़ के धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में मिला था।

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