रायपुर के चर्चित समाज कल्याण विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले मामले में ML पांडे ने ED के विरुद्ध लगाई याचिका दायर कर दी है। M.L पांडे पर विभाग में पदस्थ रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। उनकी इस याचिका पर अब 16 सितंबर को जस्टिस एन.के. व्यास की सिंगल बेंच में अंतिम सुनवाई होगी।
जानकारी के अनुसार, फरवरी 2017 में ACB और EOW ने रायपुर समाज कल्याण विभाग के एडिशनल डायरेक्टर M. L पांडे के घर पर छापा मार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ था। EOW और ACB को उनके परिवार के बैंक खातों से भी भारी भरकम ट्रांजेक्शन की बात पता चली थी। जिसका कोई भी हिसाब दे पाने में पांडे परिवार सक्षम नहीं था। बाद में यह मामला मनी लांड्रिंग का बना जिसके बाद इसे प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED को सौंप दिया गया। ED ने पिछले दिनों पांडे और उनके परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए समन भेजा था। रिटायर्ड अधिकारी ने ED के इसी समन को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
समाज कल्याण विभाग का चर्चित 1 हजार करोड़ का घोटाला
रायपुर के रहने वाले कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने कुछ साल पहले हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि राज्य के 6 आईएएस अफसर आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पी.पी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा ने फर्जी संस्थान स्टेट रिसोर्स सेंटर (एसआरसी) (राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान) के नाम पर करीब 1 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इसी मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने CBI को FIR दर्ज कर जांच करने कहा था। हालांकि बाद में रिटायर्ड IAS अधिकारी एम.के राउत और विवेक ढांढ ने सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी थी जिसके बाद शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।