Thursday, March 28, 2024
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छत्तीसगढ़: छत से गिरा प्लास्टर, महिला वार्ड में भर्ती मरीज सहित 3 घायल; PWD के इंजीनियर बोले- कभी भी गिर सकती है छत, बिल्डिंग खाली कराओ…

छत्तीसगढ़ का रायगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल। यहां इलाज के लिए जा रहे हैं, तो जरा संभलकर। अस्पताल की छत भी कभी गिर सकती है। महिला वार्ड में बुधवार सुबह छत का प्लास्टर टूट कर गिर पड़ा। एक मरीज और 2 अटेंडेंट घायल हो गए। किसी का सिर फूट गया है, तो किसी की टांग टूटी है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियर भी मानते हैं कि इमारत पूरी तरह से जर्जर है। इसे तुरंत खाली कर देना चाहिए, कभी भी छत गिर सकती है। प्रबंधन का कहना है कि उन्हें बजट का इंतजार है। 8 साल से अस्पताल का मेंटेनेंस नहीं हुआ है।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुबह करीब 5 बजे हादसा हुआ है। उस समय ज्यादातर मरीज और उनके अटेंडेंट सो रहे थे। हादसे में सरौनी निवासी पुष्पा (30) के चेहरे और सिर पर चोट आई। उसकी दीदी राममति को वायरल होने के चलते भर्ती है। राममति के भी चेहरे पर चोटें आई हैं। रात को अपनी दादी को लेकर आई अमीषा यादव (20) का पैर टूट गया है। बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते भी प्लास्टर गिरा था, हालांकि तब किसी को नुकसान नहीं हुआ था। अब सभी मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। दुर्घटना के समय वार्ड में 10 मरीज भर्ती थीं।

महिला वार्ड में छत का प्लास्टर टूट कर गिर पड़ा। वार्ड में 10 मरीज भर्ती थीं।

महिला वार्ड में छत का प्लास्टर टूट कर गिर पड़ा। वार्ड में 10 मरीज भर्ती थीं।

जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में हो रहा संचालित
मेडिकल कॉलेज अस्पताल का संचालन जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में हो रहा है। नया मेडिकल कॉलेज करीब 12 साल से निर्माणाधीन है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है। पुरानी बिल्डिंग का करीब 8 सालों से मेंटेनेंस नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि फरवरी 2021 में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। तब 2 करोड़ 47 लाख रुपए मरम्मत और अतिरिक्त निर्माण के लिए मांगे गए थे, लेकिन शासन से ही बजट पास नहीं हुआ। इसके चलते अब पूरी इमारत ही जर्जर हो गई है।

जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में मेडिकल कॉलेज अस्पताल चल रहा है।

जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में मेडिकल कॉलेज अस्पताल चल रहा है।

पूरे साल होते रहते हैं, ऐसे हादसे
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की छत से प्लास्टर गिरना कोई नई बात नहीं है। ऐसे हादसे पूरे साल होते रहते हैं। वहां ड्यूटी कर रहा स्टाफ भी इस बात को कहना है कि यहां बहुत सारी खामियां हैं। बताती हैं कि साल 2020 में नर्सेज हॉल का प्लास्टर गिर गया था। नाइट ड्यूटी के समय वहां काफी नर्स रुकी हुई थीं। न तो अस्तपाल में बीपी की मशीन है और न शुगर जांच करने की। कई बार कहा, पर नतीजा कुछ नहीं निकला।

DME को बजट के लिए लिखा है, वैकल्पिक व्यवस्था बनाएंगे
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीएम लूका ने कहा कि बिल्डिंग की मरम्मत कराने DME को बजट के लिए लिखा था। वहां से एक कुछ आपत्ति भेजी गई थी। इसे दूर कर दिया गया है। बजट मिलने पर मरम्मत कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि PWD के इंजीनियर को बुलाया गया है। उसके बाद स्थिति को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था बनाएंगे।

बिल्डिंग जर्जर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
PWD की 3 सदस्यीय टीम दोपहर में मेडिकल कॉलेज की जांच के लिए पहुंची थी। निरीक्षण के बाद एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके खामरा ने बताया कि मरीजों को वहां रखा ही नहीं जा सकता है। बिल्डिंग की हालत बहुत खराब है। इसे तुरंत खाली करना चाहिए। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, इसे स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा। बिल्डिंग 40 साल पुरानी हो चुकी है। उसका मेंटेनेंस भी नहीं कराया गया।

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