Saturday, April 20, 2024
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छत्तीसगढ़: तीजा-पोरा तिहार के न्योते पर सीएम हाउस पहुंचे सिंहदेव, CM बघेल ने स्वागत किया; CM की बेटी ने अपनी कुर्सी खिसकाकर पिता के बगल में बिठाया…

ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के लिए चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच छत्तीसगढ़ी तीजा तिहार के बहाने बर्फ पिघलती दिखी है। तीजा तिहार के निमंत्रण पर आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (दाऊ) ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री की बेटी ने अपनी कुर्सी खिसकाकर सिंहदेव (बाबा) को पिता के बगल में बिठाया और पैर छूकर आशीष लिया। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पूरे 40 दिन बाद एक फ्रेम में देखे गए हैं।

तस्वीर 25 जुलाई की शाम मुख्यमंत्री निवास में हुई विधायक दल के बैठक की है।

तस्वीर 25 जुलाई की शाम मुख्यमंत्री निवास में हुई विधायक दल के बैठक की है।

इससे पहले 25 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मंच साझा किया था। उसी दिन कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। उस दिन भी तनाव था, लेकिन दोनों नेताओं ने इसे सहजता से लिया था। उसके बाद के घटनाक्रमों के बाद तनाव बढ़ता गया। उसके दिल्ली की घेराबंदी और शक्ति प्रदर्शन का नया दौर शुरू हुआ।

मुख्यमंत्री के निमंत्रण पर आज टीएस सिंहदेव सीएम हाउस पहुंचे तो आयोजन में आए सभी मेहमान मंच पर पहुंच चुके थे। पहली पंक्ति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाएं उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया, सांसद फूलोदेवी नेताम और वन मंत्री मोहम्मद अकबर बैठे थे। मुख्यमंत्री के दाहिनी ओर अलका लांबा, रागिनी नायक, ज्योत्सना महंत, कवासी लखमा और जय सिंह अग्रवाल की सीट थी। मुख्यमंत्री के ठीक पीछे उनकी बेटी थीं। वहीं संसदीय सचिव शकुंतला साहू और विधायक संगीता सिन्हा भी वहीं बैठी थीं।

राजनीतिक रस्साकशी के बीच तीरा-पोरा तिहार ने कांग्रेस के लिए भी कुछ उत्साही माहौल बनाया है।

राजनीतिक रस्साकशी के बीच तीरा-पोरा तिहार ने कांग्रेस के लिए भी कुछ उत्साही माहौल बनाया है।

मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी ने ज्योंहि सिंहदेव के आने की जानकारी दी, CM ने उन्हें मंच पर ही बुला लिया। सिंहदेव के मंच पर आते ही सभी खड़े हो गए। बाएं से सभी का अभिवादन करते-स्वीकार करते सिंहदेव एकदम दाहिनी ओर पहुंच गए। वे जयसिंह अग्रवाल के बगल में बैठ रहे थे। मुख्यमंत्री ने महाराज कहके उन्हें अपने पास बुलाया। सीएम के बगल में बैठीं अलका लांबा ने अपनी सीट छोड़ी, लेकिन सीएम के इशारे पर उनकी बेटी ने पीछे से अपनी कुर्सी खिसकाकर पिता के बगल में लगाई। उस पर सिंहदेव के बैठने के बाद उन्होंने उनके पांव छुए। सिंहदेव के साथ आए उनके भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने भी मंच पर जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पत्नी के पांव छूए।

ऐसा भी रहा कि दोनों एक-दूसरे से अलग खोए दिखे।

ऐसा भी रहा कि दोनों एक-दूसरे से अलग खोए दिखे।

मंच पर आपस में बहुत कम बातचीत

मुख्यमंत्री के बगल में बैठने के बाद बातचीत की शुरुआत सिंहदेव की ओर से ही हुई। बेहद संक्षिप्त बातचीत के बाद दोनों अपने में मग्न हो गए। सिंहदेव अलका लांबा और रागिनी नायक से बात करने लगे। करीब 45 मिनट के मंचीय उपस्थिति के दौरान बहुत मौके ऐसे आए जब दोनों नेताओं के बीच बातचीत होती दिखी।

महिलाओं में दिखी बाबा के साथ सेल्फी की होड़

मुख्यमंत्री निवास में टीएस सिंहदेव करीब डेढ़ घंटे रहे। इस दौरान उन्होंने अतिथियों के साथ मंडप के विभिन्न हिस्सों को देखा। इस दौरान महिलाओं में सिंहदेव के साथ सेल्फी लेने की होड़ देखी गई। दर्जनों महिलाओं ने सिंहदेव को घेर लिया। उनके साथ सेल्फी ली।

आयोजन में सिंहदेव के साथ सेल्फी लेने की होड़ भी दिखी।

आयोजन में सिंहदेव के साथ सेल्फी लेने की होड़ भी दिखी।

भाषण में कहा, प्रिय मुख्यमंत्री ने परंपरा स्थापित की हैं, वे हमेशा स्थापित रहेंगी

आयोजन के दौरान दो मिनट के भाषण में टीएस सिंहदेव ने कहा, उन्होंने जीवन में ऐसे बहुत कम मंच देखे हैं, जहां पुरुष गिनती के हों और शेष महिलाएं हों। ये भविष्य का संकेत है। उन्होंने कहा, हमारे प्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनेक ऐसी परंपराएं स्थापित की हैं, वे निरंतर स्थापित रहेंगी।

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