राजधानी रायपुर को प्रदेश के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर से जोड़ने वाली सिक्सलेन में सबसे बड़ी बाधा बना हुडा धनेली का एक पुल नए सिरे से बनकर तैयार हो गया। राजधानी के आउटर में यह नया पुल उसी जगह बना है, जिस जगह पुराने जर्जर हुए पुल को पिछले साल सितंबर में विस्फोटक लगाकर ढहाया गया था।
इस पुल के बनने से राहत यह मिलेगी कि रोजाना 4 लाख वाहनों के प्रेशर वाले इस सिक्सलेन के लिए धनेली में दो पुल हो जाएंगी और वन-वे होने से यहां रात में रोजाना लगनेवाली ट्रकों की लाइन और बड़े जाम से राहत मिलेगी। इस पुल के बनने से अभी सिंगल चल रहे पुल की मरम्मत का मौका भी मिल जाएगा।
जयस्तंभ चौक से महज 10 किमी दूरी पर धनेली नाले का पुल रायपुर-बिलासपुर रोड के लिए महत्वपूर्ण है। यहां दो पुल ही बने थे, लेकिन तीन साल से पूरा ट्रैफिक एक ही पुल पर चल रहा है। वजह ये है कि एक पुल जर्जर होने के कारण करीब दो साल बंद रहा, फिर इसे सालभर पहले धमाके से उड़ाना पड़ गया। इसी जगह पर करीब 2.5 करोड़ रुपए की लागत से दूसरा पुल निर्माण की तेज गति केके साथ पूरा किया गया है। अब इस पर सिर्फ डामरीकरण बचा है, जो अगले माह पूरा हो जाएगा। उसके बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा। यह पुल इसलिए और भी जरूरी है क्योंकि यहां से विधानसभा एवं बलौदाबाजार जाने वाली सड़क भी जुड़ती है।
दूसरे ब्रिज की मरम्मत संभव
व्यस्त रायपुर-बिलासपुर हाईवे पर अभी जो पुल चालू है, वह चार साल पहले बनाकर उपयोग में लाया गया था। दूसरा पुल एक साल बाद ही बंद हो गया था, इसलिए ट्रैफिक का पूरा दबाव पिछले तीन साल से एक ही पुल पर है। इस वजह से यह पुल कांपने लगा था। तीन साल में तीन बार इस पुल के ज्वाइंट गर्डर (स्ट्रिपसिल ज्वाइंट) की मरम्मत हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी अफसरों के अनुसार स्ट्रिप सिल ज्वाइंट खराब हो गया है, इसलिए गाडिय़ां उछलने लगी हैं। इसीलिए इस पुल की मरम्मत की जरूरत महसूस की जा रही है।
8 साल में गिराना पड़ा था
जिस पुल को नए सिरे से बनाया गया है, वह आठ साल में ही जर्जर हो गया था। इस दौरान करीब 15 बार मरम्मत की गई, लेकिन सुधार नहीं हुआ। तीन साल पहले इंजीनियरों की टीम ने जांच के बाद इसे जर्जर घोषित कर दिया और ट्रैफिक रोक दिया गया। इंजीनियरों ने निरीक्षण किया और पाया कि ऊपरी हिस्सा कमजोर है, लेकिन पिलर मजबूत थे। इसलिए ऊपर बने पूरे ढांचे व स्लैब को तोड़कर नया बनाया गया है। यह काम चार माह में हो जाता, लेकिन कोरोना की वजह से 9 महीने लग गए।