Friday, March 29, 2024
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छत्तीसगढ़: मादा भालू ने बच्चों के साथ युवक के पेट से मांस नोचा, बचाने आई पत्नी के चेहरे को किया लहूलुहान; पेंड्रा में वृद्धा पर हमला….

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में भालुओं का आतंक कम नहीं हो रहा है। मध्य प्रदेश बार्डर पर मादा भालू ने शुक्रवार सुबह अपने दो बच्चों के साथ एक ग्रामीण पर हमला कर दिया। ग्रामीण के पेट से मांस नोच लिया। इस दौरान पत्नी बचाने पहुंची तो उसके चेहरे को भी लहूलुहान कर दिया। दंपती को गंभीर हालत में अनूपपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना जैतहरी वन परिक्षेत्र की है। वहीं पेंड्रा में भी एक वृद्धा पर हमला किया।

जानकारी के मुताबिक, वेंकटनगर बीट के आमाडाड गांव निवासी एमएन सिंह (40) पुत्र गणेश सिंह शुक्रवार सुबह खलिहान जाना था। इस दौरान जैसे ही दरवाजा खोलकर वे बाहर निकले, पास में दो बच्चों के साथ घूम रही मादा भालू ने उनके ऊपर हमला कर दिया। नाखून से पेट का मांस नोच लिया। चीख-पुकार सुनकर पत्नी उन्हें बचाने के लिए आई तो भालुओं ने उस पर भी हमला किया। जमीन पर गिरते ही चेहरे पर नाखून से वार किया।

पति-पत्नी दोनों को परिजन निजी वाहन से अनूपपुर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां दोनों को भर्ती कर लिया गया है।

पति-पत्नी दोनों को परिजन निजी वाहन से अनूपपुर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां दोनों को भर्ती कर लिया गया है।

बच्चों के साथ कई दिन से गांव में घूम रही मादा भालू
शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तो भालू वहां से भाग निकले। इसके बाद पति-पत्नी दोनों को परिजन निजी वाहन से अनूपपुर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां दोनों को भर्ती कर लिया गया है। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। अस्पताल जाकर भी टीम ने घायलों की हालत का जायजा लिया है। बताया जा रहा है कि भोजन की तलाश में मादा भालू कई दिनों से अपने बच्चों के साथ गांव में घूम रही है।

पेंड्रा के सिलपहरी में भी भालू ने एक वृद्ध महिला सगुनी बाई पत्नी अगरसाय पर हमला कर दिया। सगुनी बाई घर से कुछ दूरी पर बनी बाड़ी में जा रही थी।

पेंड्रा के सिलपहरी में भी भालू ने एक वृद्ध महिला सगुनी बाई पत्नी अगरसाय पर हमला कर दिया। सगुनी बाई घर से कुछ दूरी पर बनी बाड़ी में जा रही थी।

घर की बाड़ी में जा रही महिला को भी बनाया निशाना
वहीं पेंड्रा के सिलपहरी में भी भालू ने एक वृद्ध महिला सगुनी बाई पत्नी अगरसाय पर हमला कर दिया। सगुनी बाई घर से कुछ दूरी पर बनी बाड़ी में जा रही थी। सूचना मिलने पर पहुंची डायल 112 की टीम ने उसे अस्पताल पहुंचाया। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि महिला को कितनी चोट आई है। दूसरी ओर गौरेला के कोरजा गांव में घुसे भालू को लोगों ने सुबह खदेड़ दिया। वह जंगल की ओर भागा है। वन विभाग को जानकारी दी गई है।

गौरेला के कोरजा गांव में घुसे भालू को लोगों ने सुबह खदेड़ दिया। वह जंगल की ओर भागा है। वन विभाग को जानकारी दी गई है।

गौरेला के कोरजा गांव में घुसे भालू को लोगों ने सुबह खदेड़ दिया। वह जंगल की ओर भागा है। वन विभाग को जानकारी दी गई है।

लोगों में दहशत का माहौल, 13 दिन में चार घटनाएं
घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इस तरह से दिनदहाड़े भालू के हमले से ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। अब तो भालू उनके घर के दरवाजे तक पहुंच गए हैं। क्षेत्र में 13 दिन में यह चौथी घटना है, जब भालुओं ने हमला किया है। इससे करीब 6 दिन पहले मरवाही के ग्राम निमधा में 3 भालुओं ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया था। वहीं उससे पहले सेमरदर्री पंचायत क्षेत्र में दो भालुओं और उनके बच्चों ने महिला पर हमला किया था।

जिले में इसी साल भालुओं के कई हमले हुए
जिले में इस साल लगातार भालुओं का हमला हो रहा है। बीच में दो महीने राहत थी, लेकिन फिर खतरा बढ़ गया।

  • 14 अगस्त : मरवाही के ग्राम निमधा में सुबह करीब 5.30 बजे खेत से घर लौट रहे ग्रामीण पर तीन भालुओं ने हमला किया था।
  • 7 अगस्त : सेमरदर्री पंचायत क्षेत्र में महिला धान की रोपाई करने के लिए खेत जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में दो भालुओं और उनके बच्चों ने हमला कर चेहरे और पीठ से मांस नोच लिया था।
  • 12 मई : पसान रेंज सरमा ग्राम पंचायत में भालू ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया। इस दौरान भालू ने ग्रामीण के सिर और चेहरे से मांस नोंच लिया था। ग्रामीण की मदद से उसे बचाया जा सका।
  • 23 मार्च : भालू मरवाही स्थित इंदिरा गार्डन और उसके आसपास के क्षेत्र में पहुंच गया था।
  • 30 जनवरी : गौरेला क्षेत्र में दो देवरानी-जेठानी पर हमला कर दिया था। इस दौरान भालू ने एक महिला की आंख निकाल ली, जबकि दूसरे की पीठ पर वार किया।

इसके अलावा दिसंबर में गौरेला क्षेत्र के खोडरी में एक वृद्ध को मार दिया था। वहीं एक दुर्लभ प्रजाति के सफेद भालू की मौत भी हो चुकी है। दिसंबर माह में वह कुएं में गिर पड़ा था। लोगों ने देखा भी, लेकिन बाहर मादा भालू को देख कोई उसे बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सका।

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