Monday, May 20, 2024
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छत्तीसगढ़ में स्वदेशी “को-वैक्सीन’ को वैकल्पिक उपयोग की अनुमति दे सकती है सरकार, स्वास्थ्य मंत्री खुद लगवाएंगे यही टीका…

केंद्र सरकार ने इस तरह की दो खेपों में को-वैक्सीन की खुराकें भेजी हैं। हवाई अड्‌डे से लाने के बाद इन टीकों को DKS अस्पताल के पीछे स्थित वैक्सीन भंडार में रखा गया है। इन्हें जिलों में नहीं भेजा गया है। इन टीकों के खराब होने का भी खतरा है।

  • क्लिनिकल ट्रॉयल पूरा नहीं होने की वजह से सरकार नहीं दे रही थी अनुमति
  • DCGI ने क्लिनिकल ट्रॉयल से अपग्रेड किया तो शुरू हुआ उपयोग पर विचार

रायपुर/ छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण अभियान में स्वदेशी टीके “को-वैक्सीन’ को उपयोग की अनुमति मिल सकती है। लेकिन यह वैकल्पिक होगा। यानी इसका उपयोग लोगों की इच्छा पर होगा कि वे “को-वैक्सीन’ लगवाना चाहते हैं अथवा नहीं। इसे केवल सरकारी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में लगाया जाएगा। वहां भी इसके लिए पहले से चल रहे कोविशील्ड वैक्सीन बूथ से अलग काउंटर बनाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद खुद यही टीका लगवाएंगे। सिंहदेव ने बताया है, प्रारंभ में को-वैक्सीन का उपयोग केवल मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पताल परिसर में एक अलग जगह पर होगा। जैसे ही मैं कोरोना संक्रमण से उबरता हूं और टीकाकरण के लिए योग्य होता हूं, मैं को-वैक्सीन की अपनी पहली खुराक लेने जाऊंगा। सिंहदेव ने कहा, हमें हमारे स्वदेशी टीके पर गर्व है, लेकिन सुदृढ़ता से मानते हैं कि इसे सामान्य उपयोग में लाने से पहले अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार उचित प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है। अब जबकि भारत में औषधि नियंत्रक जनरल (DCGI) ने को-वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल चरण से अपग्रेड कर दिया है। हालांकि अभी तीसरे चरण के परीक्षणों का अंतिम डेटा प्रकाशित नहीं हुआ है। हम गंभीरता से उन लोगों के लिए को-वैक्सीन की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं जो इसको चुनना चाहते हैं।

को-वैक्सीन विवाद पर कहा- कभी टीके की कमी नहीं हुई

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, प्रदेशवासियों का स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य में किसी भी क्षण हमारे लोगों के लिए टीके की कमी नही हुई है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान में भी छत्तीसगढ़ 5 सबसे बेहतर राज्यों में रहा है।

भाजपा ने फिर उठाई को-वैक्सीन को अनुमति देने की मांग

प्रदेश भाजपा ने एक बार फिर को-वैक्सीन को अनुमति देने की मांग उठाई है। भाजपा की ओर से कहा गया, प्रदेश में कोरोना एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। लोगों की जान जा रही है, लेकिन भूपेश सरकार इस पर ध्यान ना दे कर एक सुर में को-वैक्सीन का विरोध करने में लगी है। अभी भी समय है। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई को-वैक्सीन प्रदेश की जनता को जल्द ही उपलब्ध कराएं।

कांग्रेस ने कहा, भाजपा नेता ही बनाई है को-वैक्सीन से दूरी

कांग्रेस के प्रदेश सचिव और प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा, वैक्सीन पर राजनीति कर रही भाजपा के नेता खुद को-वैक्सीन से दूरी बनाये हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर सहित भाजपा के विधायक, सांसद और RSS के वरिष्ठ नेताओ ने भी टीकाकरण और को-वैक्सीन टीके से दूरी बना ली है। ये भाजपा के वही नेता है जो को-वैक्सीन का गुणगान कर रहे थे।

यह था छत्तीसगढ़ में को-वैक्सीन का विवाद

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम में जिन दो टीकों को मंजूरी दी है उनमें सीरम इंस्टीस्च्यूट का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का को-वैक्सीन शामिल है। पिछले सप्ताह तक को-वैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल का तीसरा चरण पूरा नहीं किया था। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग इस वैक्सीन का टीकाकरण में इस्तेमाल नहीं कर रहा था।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ट्रायल के सकारात्मक नतीजे आने तक को-वैक्सीन नहीं भेजने का अनुरोध किया था। उसके बाद भी केंद्र सरकार ने दो खेपों में को-वैक्सीन की 72540 डोज भेज दिया है। आने के बाद यह वैक्सीन भंडार में ही रखा हुआ है।

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