Friday, April 19, 2024
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छत्तीसगढ़: रात में दो बार हाईवे खाली करा 35 मिनट में तय की भिलाई-रायपुर की 33 किलोमीटर की दूरी, हार्ट व ब्रेन पेशेंट को हॉस्पिटल लाया गया….

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट ने दो गंभीर मरीजों की जान बचाई है। यह पहला मौका नहीं है, जब दुर्ग पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किसी की जान बचाई हो। इससे पहले भी रायपुर या अन्य शहरों तक मरीज को रेफर करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस बार एक नहीं बल्कि दो हॉस्पिटल से देर रात मदद पहुंचाई गई है। पहला शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी भिलाई से एम्स रायपुर और दूसरा पल्स हॉस्पिटल नेहरु नगर से बालाजी हॉस्पिटल रायपुर तक मरीजों को पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
मरीजों के लिए बनाया ग्रीन कॉरिडोर
अमूमन भिलाई से रायपुर तक का सफर तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। ऐसे में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 35 किलोमीटर के इस सफर को 35 मिनट में तय किया। शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी भिलाई से इशरत जंहा (42 वर्ष) का इलाज चल रहा था, लेकिन वहां स्वास्थ्य सुधार न होने पर एम्बुलेंस के माध्यम से रात 10.05 बजे एम्स हॉस्पिटल रायपुर भेजा गया है। इशरत के हार्ट में परेशानी हो रही थी। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और डाक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर ले जाने की सलाह दी। चैलेंज था कि क्रिटिकल कंडिशन में मरीज को सही सलामत कैसे रायपुर पहुंचाया जाए। हेल्थ डिपार्टमेंट और पुलिस विभाग को इसकी जानकारी दी गई और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसी तरह दूसरे मरीज गरिमा पाठक (47) को देर रात पल्स हॉस्पिटल नेहरु नगर भिलाई से बालाजी हॉस्पिटल रायपुर 3 बजे पहुंचाया गया। बताया गया कि गरिमा को ब्रेन हेमरेज हो गया था।

देर रात दोनों मरीजों को अलग-अलग समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया गया।

देर रात दोनों मरीजों को अलग-अलग समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया गया।

हाल ही में सातवीं बार बना ग्रीन कॉरिडोर
दुर्ग-भिलाई से रायपुर के बीच मरीजों को बचाने के लिए लगातार ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले 2 माह में सांतवी बार इस तरह हाइवे खाली करवा कर मरीजों को बड़े हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है। इसमें पूर्व सांसद ताराचंद साहू के पुत्र दीपक साहू भी शामिल थे। इसके साथ ही एक 4 साल के बच्चे को भी इसी तरह शिफ्ट किया गया था। सभी लोग स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के इस समन्वय की तारीफ कर रहे हैं।
क्या होता है ग्रीन कॉरिडोर
ग्रीन कॉरिडोर एक निश्चित समय के लिए मार्ग को किसी मरीज के लिए खाली कराना या ट्रैफिक कंट्रोल करने को कहते हैं। इसे मेडिकल इमरजेंसी जैसे कि आर्गन ट्रांसप्लांट या मरीज की क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए बनाया जाता है। इसमें दो जिले या दो शहरों की पुलिस मिलकर मरीज को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तेज रफ्तार एंबुलेंस में ट्रांसफर करती है। इसके तहत हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए रास्ते पर आने वाले ट्रैफिक को 60-70 प्रतिशत तक कम करने की कोशिश करती है। जिससे मरीज जल्द से जल्द पहुंच सके।

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