रायपुर की पुलिस ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी से आयशा और उसके मंगेतर इरशाद को नाेएडा से गिरफ्तार किया है। हाल ही में इस लुटेरी जोड़ी ने रायपुर के डीडी नगर इलाके के एक अपार्टमेंट में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। आयशा और उसका साथी कोरोना वैक्सीन के सर्वेयर बनकर अपार्टमेंट में रहने वाले संजीव कुमार के फ्लैट पर पहुंचे थे। मौका पाकर उसकी पत्नी के गले पर चाकू अड़ाया और जेवर, मोबाइल फोन व आईपैड लेकर भाग गए थे। इसी केस में पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और लूट का माल भी बरामद कर लिया है। अब तक की जांच में इनकी साजिश और घटना से जुड़े जो फैक्ट सामने आए वो काफी दिलचस्प हैं।
4 लाख की वसूली के लिए रची थी साजिश
आयशा पेशे से CA है। ये ऑनलाइन ट्रेडिंग (शेयर मार्केट) में दलाली का भी काम करती है। वॉट्सऐप के जरिए ये कुछ साल पहले रायपुर के संजीव कुमार के संपर्क में आई थी। प्रोफेशनल परिचय के आलावा दोनों के बीच बातचीत इस कदर होती थी कि संजीव ने इसे अपने घर का पता भी दे रखा था। शेयर के पैसों के मामले में आयशा को संजीव से 4 लाख रुपए लेने थे। संजीव रकम देने के मामले में आयशा को टाल रहा था, इसी वजह से लूटकर वसूली करने की साजिश रची गई।
लूट का सामान बरामद।
पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि घटना वाले दिन से पहले आयशा रत्नागिरी से रायपुर आई। बाकायदा संजीव के घर की रेकी की। उस पर नजर रखी कि वो कब आता है कहां जाता है। इसके बाद लोकल गलियों और मोहल्लों की जानकारी भी जुटाई। इरशाद के साथ मिलकर इसके बाद लूट की वारदात को अंजाम देने ये जोड़ा महाराष्ट्र से रायपुर आया, घटना को अंजाम देकर दोनों यहां से निकल चुके थे।
इस तरह दोनों CCTV में कैेद हुए थे।
पुलिस को गुमराह करने हुलिया बदला मगर लग गई हथकड़ी
लुटेरी CA और उसके मंगेतर ने मिलकर ये साजिश रची थी। दोनों ने खुद का हुलिया छुपाने के लिए सिर पर हेलमेट पहन रखा था। CCTV में भी इनका चेहरा कैद नहीं हो सका था। दोनों इतनी तैयारी से आए थे कि पहले किराए पर एक एक्टिवा ली। इस पर फर्जी नंबर प्लेट लगाया। इसके बाद अपार्टमेंट तक पहुंचे। ये जानते थे कि कहीं न कहीं CCTV कैमरों में कैद हो ही जाएंगे। बार-बार पुलिस को कन्फ्यूज करने अपार्टमेंट के पास ही घूमते रहे। कहीं छुपकर कपड़े बदले ताकि पकड़ में न आएं, एक्टिवा पर किसी डॉक्टर के नाम का कागज भी लगा रखा था।
रायपुर की पुलिस इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र से लेकर आई।
इनकी हरकतों को देख पुलिस ने भी इन्हें पकड़ने का चैलेंज ले ही लिया। जांच अफसरों ने बताया कि इनके स्कूटर को बार-बार फुटेज में जांचा गया। शहर के सैकड़ों CCTV फुटेज की जांच की गई। ये जोड़ा जहां-जहां गया पुलिस को सुराग मिलने की उम्मीद बढ़ती चली गई। गाड़ी के आधार पर पुलिस ने किराए पर टू व्हीलर देने वाले एक डीलर का पता लगा लिया। पता चला कि आयशा ने रायपुर में एक कमरा भी लिया था। वहां से उसके रत्नागिरी में होने की जानकारी मिली और टीम ने उसे पकड़ लिया। आयशा ने बताया कि इस कांड में उसका मंगेतर उसके साथ था।
जब पुलिस ने इरशाद को मीडिया के सामने पेश किया तो वो रोने लगा।
ये हुआ था उस दिन
संजीव कुमार फायनेंस कंपनी में काम करता है। लगभग 9 दिन पहले उसके घर पर ये वारदात हुई थी। सालासर अपार्टमेंट के छठवें माले के फ्लैट में युवक-युवती पहुंचे। बेल बजाकर दरवाजा खुलवाया। दोनों ने संजीव की पत्नी से कहा कि वे डोर टू डोर वैक्सीनेशन करने वाली टीम में है। महिला ने उनसे आई कार्ड मांगा तो दोनों गोलमोल जवाब देने लगे। इस बीच, युवती ने पानी मांग लिया। महिला पानी लाने किचन में गई, तभी दोनों भीतर घुसे। महिला जैसे ही पानी लेकर आई, युवक ने चाकू गले में टिका दिया और शोर मचाने पर मारने की धमकी दी। इसके बाद दोनों ने महिला और उसके बेटे को कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद दूसरे कमरे से जेवर तथा अन्य सामान लिए और भाग गए। महिला ने दूसरे फ्लैट के लोगों को चिल्लाकर अपने पति का फोन नंबर बताया और तब मामले की जानकारी सामने आई।