Thursday, April 25, 2024
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छत्तीसगढ़: श्याम इंडस्ट्रीज में 7 करोड़ की जीएसटी चोरी- रायपुर में सीजीएसटी की बड़ी कार्रवाई; फर्म का एक पार्टनर गिरफ्तार, 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया….

केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने रायपुर में टैक्स चोरी में शामिल एक बड़े कारोबारी को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने फर्म के दो ठिकानों पर छापा मारकर 7 करोड़ 26 लाख की जीएसटी चोरी पकड़ी है। उसके बाद फर्म के एक पार्टनर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

छत्तीसगढ़ स्थित सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद कार्यालय के संयुक्त आयुक्त श्रवण कुमार बंसल ने बताया, अधिकारियों ने आज रायपुर के फाफाडीह में लालगंगा मिडास स्थित मेसर्स श्री श्यामजी इंडस्ट्रीज के कार्यालय और दोंदेकलां में परफेक्ट धर्मकांटा के पास श्री श्यामजी इंडस्ट्रीज के कारखाने में तलाशी ली। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त हुए हैं। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि मेसर्स श्री श्यामजी इंडस्ट्रीज ने कई फर्मों द्वारा जारी किए गए फर्जी चालानों के आधार पर 3 कराेड़ 22 लाख रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लिया था। यह भी पता चला है कि मेसर्स श्री श्यामजी इंडस्ट्रीज ने बिना 4 करोड़ 4 लाख रुपए का जीएसटी अदा किए माल को चोरी-छिपे बेचने का काम किया है। इस तरह मेसर्स श्री श्यामजी इंडस्ट्रीज, रायपुर ने 7 करोड़ 26 लाख रुपए की जीएसटी चोरी की है। शुरुआती जांच के बाद फर्म के पार्टनर सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार का अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

नकली फर्मों के चालान लगाकर इनपुट क्रेडिट लिया

अधिकारियों ने बताया, जांच के दौरान सामने अाया है कि श्री श्यामजी इंडस्ट्रीज ने विभिन्न गैर-मौजूद नकली फर्मों के 17 करोड़ 88 लाख रुपए के फर्जी चालान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया था। यह पाया गया कि इस फर्म के पार्टनर सुनील अग्रवाल ने विभिन्न फर्जी फर्मों के फर्जी चालानों पर जानबूझकर गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया था। उसके बाद यह गिरफ्तारी की गई।

क्या होता है इनपुट टैक्स क्रेडिट जिसके लिए हुआ फर्जीवाड़ा

नए वस्तु एवं सेवा कर में किसी वस्तु की खरीद पर पहले से चुकाए गए कर को वर्तमान कर की दर से घटा सकते हैं। इस तरह आपको केवल बची हुई राशि का ही भुगतान करना होता है। इस प्रक्रिया को इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं। इसको एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। मान लें – आप अगरबत्ती का कारोबार करते हैं। इसे बनाने के लिए 100 रुपया का कच्चा माल खरीदा। इस पर 18 प्रतिशत टैक्स लगा। इस तरह कच्चे माल का दाम आपको 118 रुपए पड़ा। अब आपने अगरबत्ती बनाकर 200 रुपए में बेचा। इस पर चालू दर से 36 रुपए का टैक्स है। इस समय आपको कच्चे माल पर चुकाए गए 18 रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।

इसी का फायदा उठाती हैं कंपनी

अधिकारियों ने बताया, फर्जीवाड़ा करने वाले किसी नकली फर्म का बिल वाउचर लगाकर इस इनपुट क्रेडिट का दावा करते हैं और अक्सर उन्हें यह वापस भी मिल जाती है। जबकि वास्तविकता यह है कि इस तरह के किसी माल का लेनदेन कभी हुआ ही नहीं है।

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