Saturday, April 20, 2024
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छत्तीसगढ़- 78 ग्राम पंचायतों में करोड़ों का घोटाला: सड़कें बनीं; कांजी हाउस बना… कांग्रेस नेता बोले- लॉकडाउन में बोगस फर्म को भुगतान, कलेक्टर से शिकायत…

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले की ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्य सवालों के घेरे में आ गए हैं। इन ग्राम पंचायतों में सड़कें, कांजी हाउस बनने के साथ अन्य विकास कार्य हुए हैं। अब सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के नेताओं ने इसमें घोटाले का आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि सरपंचों और सचिवों ने सांठगांठ कर करोड़ों की हेराफेरी की है। जिन फर्मों को बिल का भुगतान किया गया वो बोगस हैं। इस संबंध में कलेक्टर से शिकायत कर जांच की मांग की गई है।

कांग्रेस नेताओं की ओर से 12 ग्राम पंचायतों की सूची सौंपी गई है। इसमें लोहारी ग्राम पंचायत का भी नाम है।

कांग्रेस नेताओं की ओर से 12 ग्राम पंचायतों की सूची सौंपी गई है। इसमें लोहारी ग्राम पंचायत का भी नाम है।

दरअसल, मरवाही जनपद में 78 ग्राम पंचायत हैं। सभी पंचायतों को विकास कार्य के लिए 14वें वित्त वर्ष में 20-20 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई थी। इस राशि से जो काम मनरेगा में नहीं हो सकते, उन्हें पूरा कराना था। आरोप है कि ग्राम पंचायत लोहारी में एक कांजी हाउस और 2 कंक्रीट की सड़कों का ही निर्माण कार्य हुआ है। इसकी लागत 7.5 लाख रुपए है। इसके अतिरिक्त कोविड काल में स्टेशनरी, पेयजल और साफ-सफाई संबंधी कार्य का हवाला देकर खर्च की गई है। राशियों के आहरण की पंचों को जानकारी तक नहीं है।

12 ग्राम पंचायतों की सूची भी कलेक्टर को सौंपी
कांग्रेस नेताओं की ओर से 12 ग्राम पंचायतों की सूची सौंपी गई है। इसमें लोहारी ग्राम पंचायत का भी नाम है। इसके अतिरिक्त पोंडी, चंगेरी, बदरौड़ी, मालाडांड, करहनी, सिवनी, उषाढ़, तेंदूमूड़ा, मनौरा, पथर्रा और दरमोहली है। DSC में सरपंच और सहमति से ही राशि खर्च होती है। आरोप है कि बोगस फर्म को रुपए दिए गए। जो बिल लगाए गए वह भी व्यक्तिगत लोगों के नाम पर हैं। खास बात यह है कि सारा भुगतान लॉकडाउन के दौरान किया गया है। इसके चलते इन सभी ग्राम पंचायतों की जांच कराई जाए।

फर्जी तरीके से रुपयों का भुगतान किया गया
मरवाही जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रताप मराबी और उपाध्यक्ष अजय राय ने कहा कि साल 2020 में अधिकांश गांवों में शासन की ओर से प्राप्त 14वें वित्त की राशि से 20 – 20 लाख रुपए की बंदरबांट की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ सरपंच और सचिव की सांठगांठ के चलते हुआ है। फर्जी तरीके से दुकानों, फर्म और निजी लोगों को भुगतान कर हर ग्राम पंचायत में लाखों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया गया। इसकी शिकायत जिला पंचायत, कलेक्टर और राज्य शासन से की गई है।

इस तरह की जानकारी मिली है। हालांकि अभी तक कोई शिकायत हमारे पास तक नहीं आई है। यह नया जिला है। अभी CEO की नियुक्ति नहीं हुई है। कलेक्टर के पास ही जिला पंचायत की जिम्मेदारी है। वह ही अपने स्तर से निर्णय करेंगी।
-अरुण चौहान, अध्यक्ष, जिला पंचायत, GPM

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