Saturday, April 20, 2024
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छत्तीसगढ़- तीन दहेज लोभियों को 10 साल की कठोर सजा: विवाहिता ने फांसी लगा ली थी, दहेज में मिले सामान को लोकल बताकर पति करता था प्रताड़ित

कवर्धा: विवाह के दौरान दहेज में मिले सामान को लोकल क्वालिटी का बताते हुए पत्नी को प्रताड़ित करने वाले तीन दहेज लोभियों को कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने अपराधियों पर अर्थदंड भी लगाया है।

मामला दाढ़ी थाना का है। दाढ़ी थाने के अंतर्गत भादवि की धारा 174 के आधार पर जांच शुरू की गई। मृतका ने अपने पति नूनकरण ने दहेज की मांग करने पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका का विवाह ढाई साल पहले ही नूनकरण के साथ हुआ था। जांच के दौरान मृतका के मां-पिता व सगे-संबंधियों से पूछताछ किए जाने पर पता चला कि अभियुक्त मृतका की बुराई करते थे। उलाहना देते थे कि उसे ठीक से काम करना नहीं आता है। उसे दहेज के रूप में मिले सामान मिक्सी, टीवी, इंडक्शन व अन्य सामान के संबंध में ऐसा बोलते थे कि यह लोकल सामान है। मामले में अतिरिक्त लोक अभियोजक सतीश वर्मा ने पैरवी की।

19 गवाहों के बयान के बाद हुआ फैसला

इस मामले में 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। इस मामले में प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायालय (एफटीसी) के पीठासीन पंकज कुमार सिन्हा ने 29 जून को फैसला सुनाते हुए तीन अभियुक्त नूनकरण उर्फ करण साहू, परनिया साहू व हिरामन साहू को भादवि की धारा 304-बी के तहत दोषसिद्ध होने पर 10 साल के कठोर कारावास व 1000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।

इसके अलावा तीनों को धारा 498-ए की दोषसिद्धि पर 2 वर्ष के कठोर कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 201 की दोषसिद्धि पर 2 वर्ष के कठोर कारावास व 500 रुपए के अर्थदण्ड, दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 की दोषसिद्धि पर 5 वर्ष के कठोर कारावास व 15000 रुपए के अर्थदण्ड, दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 की दोषसिद्धि पर 6 माह के कठोर कारावास व 500 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

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