Friday, April 19, 2024
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छत्तीसगढ़: दिल्ली गए कांग्रेस विधायकों को किसी बड़े नेता ने नहीं दिया समय, बृहस्पत बोले- शाम तक मुलाकात संभव…. CM ने कहा- इसे राजनीतिक चश्मे से ना देखें

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली पहुंचे विधायकों की अभी तक पार्टी के किसी भी शीर्ष नेता से मुलाकात नहीं हो सकी है। विधायकों ने बड़े नेताओं से संपर्क भी किया, लेकिन समय नहीं मिल सका। इन सबके बीच विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि शाम तक मुलाकात संभव हो सकती है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे सामान्य बताया है। कहा कि विधायकों के कहीं आने-जाने को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

बताया जा रहा है, रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह की अगुवाई में दिल्ली गए नेताओं ने संपर्कों के जरिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से समय लेने की कोशिश की। वहां से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली तो पीएल पुनिया से संपर्क किया। बताया जा रहा है, पुनिया इस समय लखनऊ में हैं। ऐसे में उनसे भी मुलाकात संभव नहीं हो पाई। दैनिक भास्कर से बातचीत में बृहस्पत सिंह ने कहा, अभी किसी से मुलाकात नहीं हुई है। सभी विधायक अभी अपने निजी काम में हैं। शाम को मुलाकात संभव है।

CM बोले- विधायकों को कहीं आने-जाने पर रोक नहीं
इधर रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कांग्रेस में विधायकों के कहीं आने-जाने पर कोई रोक नहीं है। वे भी आपकी तरह कहीं आ जा सकते हैं। विधायक दिल्ली गए हैं तो इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी कहा था, कांग्रेस पार्टी एक खुला मंच है। लीडरशिप समय-समय पर परिस्थितिवश समय देता है। अगर यहां से कुछ लोग जाकर मिलना चाहते हैं। अगर उन्हें समय मिलेगा तो जरूर मुलाकात होगी।

बुधवार को पहुंचा था कांग्रेस विधायकों का यह दल
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के 10 से 12 विधायक दिल्ली में बुधवार से डेरा डाले हुए हैं। बताया जा रहा है कि वह अपने से 46 विधायकों का समर्थन पत्र भी ले गए हैं। बताया जा रहा है, दिल्ली पहुंचे इस विधायकों के दल में बृहस्पत सिंह, गुरुदयाल बंजारे, मोहित केरकेट्‌टा, डॉ. विनय जायसवाल, द्वारिकाधीश यादव, यूडी मिंज, पुरुषोत्तम कंवर, रामकुमार यादव, चंद्रदेव राय और प्रकाश नायक शामिल हैं।

स्टंट बताया जा रहा है, यह दौरा
कांग्रेस के भीतर ही विधायकों के इस दौरे को स्टंट बताया जा रहा है। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा, जब 55 विधायकों की परेड से हाईकमान दबाव में नहीं आया तो इन 10-15 विधायकों के पर्यटन से फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि राजनीति की बिसात पर कौन सी बाजी खेल को पलट सकती है इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

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