Monday, May 6, 2024
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डोंगरगढ़ में बड़ा हादसा: मां बम्लेश्वरी मंदिर के रोप-वे की गुड्स ट्रॉली टूटी, 60 फीट ऊपर से गिरकर कर्मचारी की मौत…

 ट्राली में ट्रस्ट का कर्मचारी गोपी पडोती (27)  बैठकर नीचे आ रहे थे, इस दौरान हुआ हादसा।

  • एक घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मिला कर्मचारी, अस्पताल में तोड़ा दम

राजनांदगांव/ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में बुधवार देर शाम बड़ा हादसा हो गया। मंदिर के पहाड़ के लिए संचालित आधुनिक रोप-वे की एक गुड्स ट्राली टूट कर नीचे गिरने से एक कर्मचारी की मौत हो गई। ट्रॉली के जरिए नीचे से सामान ऊपर पहुंचाया जा रहा था। ट्राली के नीचे आते समय हादसा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, मंदिर में बुधवार शाम करीब सवा 7 बजे रोप-वे की गुड्स ट्रॉली से कंट्रक्शन का सामान नीचे से ऊपर भेजा जा रहा था। उसी ट्राली में ट्रस्ट का कर्मचारी गोपी पडोती (27) बैठकर नीचे आ रहे थे। अभी थोड़ा नीचे पहुंची ही थी कि करीब 60 फीट की ऊंचाई पर ट्रॉली अचानक टूट कर चट्टान पर जा गिरी।

ट्रस्ट के दूसरे कर्मचारी चट्टान पर उतरे और गोपी की तलाश शुरू की। अंधेरा होने के चलते एक घंटे बाद गोपी गम्भीर हालत में मिला। उसे सीढ़ी के रास्ते स्ट्रेचर से नीचे लेकर आए और एम्बुलेंस से अस्पताल ले गए। वहां उपचार के दौरान कुछ घंटे बाद गोपी की मौत हो गई।

SDM अविनाश भोई ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि गुड्स ट्रॉली में उतरते समय यह हादसा हुआ है। इसकी जांच की जा रही है

पहाड़ से घायल को निकालते हुए पुलिसकर्मी व अन्य।

पहाड़ से घायल को निकालते हुए पुलिसकर्मी व अन्य।

2016 में पालिका की ट्राली में हुआ था हादसा
अत्याधुनिक रोप-वे के पहले यहां नगर पालिका के द्वारा रोप-वे संचालित होता था। फरवरी 2016 में गंभीर हादसा हुआ। ट्रॉली टूटकर पहाड़ पर जा गिरी थी। इस हादसे में भिलाई निवासी बिंदु मिश्रा नाम की महिला की मौत भी हुई थी। इसके बाद उसे बंद कर इस रोपवे की शुरुआत की गई।

1300 मीटर ऑस्ट्रिया का रोप-वे लगा है
इस अत्याधुनिक रोप-वे में ऑस्ट्रिया का 1300 मीटर लंबा रोप लगा है। 650 मीटर की चढ़ाई इस रोप-वे से होती है। तीन मिनट में ही 650 मीटर की चढ़ाई होती थी। नए रोप-वे से ऊपर चढ़ने में 3.25 सेकंड का ही समय लगता है। दर्शनार्थियों के लिए 14 ट्रॉलियां हैं। एक घंटे में 500 दर्शनार्थी ऊपर चढ़ पाते हैं।

सिस्टम ऑटोमेटिक और कंप्रेस्ड होने का दावा था
ऑस्ट्रिया निर्मित रोप-वे में 150 केवी का जनरेटर भी लगाया गया है। पुराने डीजल इंजन से इसका मूवमेंट भी होता रहेगा। सुरक्षा की दृष्टिकोण से सारे सिस्टम ऑटोमेटिक व कंप्रेस्ड होने का दावा था, यदि इसे किसी तरह का गलत सिग्नल मिला तो ट्रॉलियां जहां पर है वहीं रुक जाएगी। बावजूद यह हादसा हो गया।

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