Thursday, May 2, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुरनशा और विकास: छत्तीसगढ़ सरकार शराब पर वसूलेगी शिक्षा और इंस्फ्रास्ट्रक्चर टैक्स,...

नशा और विकास: छत्तीसगढ़ सरकार शराब पर वसूलेगी शिक्षा और इंस्फ्रास्ट्रक्चर टैक्स, नेता प्रतिपक्ष ने पूछा- ये कैसा समन्वय…

तस्वीरें कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की है। अब आने वाले दिनों में शराबबंदी के नाम पर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ सकती है।

  • शनिवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार फैसला बताया मंत्री रविंद्र चौबे ने
  • अब तक कोरोना के नाम पर वसूला जा रहे टैक्स का इस्तेमाल शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में होगा

रायपुर/ छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के वादे के साथ सत्ता में आई भूपेश बघेल सरकार ने अब एक नया फैसला लिया है। शराब खरीदी के दौरान कोरोना के नाम पर वसूला जा रहा अतिरिक्त शुल्क अब छत्तीसगढ़ की शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में लगाया जाएगा। यह फैसला शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बैठक के बाद कहा कि जो शुल्क कोरोना के नाम पर अब तक वसूला जा रहा था, उसे शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में लगाया जाएगा। इसलिए सरकार शराब खरीद के दौरान लगने वाले इस टैक्स को जारी रखेगी। दरअसल कोरोना काल के वक्त जब शराब दुकानें खोली गईं तो छत्तीसगढ़ की सरकार ने देशी शराब की हर बोतल पर 10 रुपए और विदेशी शराब पर 10% तक टैक्स लगाने का ऐलान किया था।

एक नंबर या दो नंबर… बस राजस्व बढ़ना चाहिए
उधर, विपक्ष ने अब सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि शराब और शिक्षा में समन्वय कैसे हो सकता है। सरकार कोरोना के नाम पर शराब पर जो टैक्स वसूल रही थी उसका इस्तेमाल कहां किया यह तो नहीं बताया गया। अब शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर इस शुल्क को वसूला जाएगा।

कौशिक ने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि इससे सरकार को कितनी आय हुई और यह पैसा कहां इस्तेमाल किया गया। लगातार शराब पर टैक्स लगाकर वसूली हो रही है। इसका हिसाब नहीं दिया जाता, इस तरह टैक्स से एकत्रित हुई राशि का कहां व्यय हुआ यह भी बताना चाहिए। चाहे एक नंबर हो या दो नंबर, सरकारी या गैर सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स लगा रहे हैं।

तो नहीं होगी शराबबंदी
साल की शुरूआत में हुई कैबिनेट बैठक में शराब पर शुल्क को जारी रखने और टैक्स का इस्तेमाल अब शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में करने के फैसले यह भी साफ हो गया कि फिलहाल छत्तीसगढ़ की सरकार शराबबंदी के मूड में नहीं है। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने यह भी बताया कि 5 हजार करोड़ के राजस्व प्राप्ति की सीमा तय की गई है, पिछले साल भी यही आंकड़ा था। कई मौकों पर सरकार की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि अचानक शराबबंदी नहीं होगी।

खुद सीएम बघेल यह कहते रहे हैं कि शराबबंदी के लिए समाज के लोगों को आगे आना होगा। शराबबंदी को लेकर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा के अध्यक्षता में समिति भी बनी है। इसमें हर राजनीतिक दल के विधायकों को रखा गया है मगर इसकी बैठकें भी अक्सर पार्टी वाली सियायत की भेंट चढ़ जाती है। इस समिति ने अब तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया है।

सरकार को शराब से 6831 करोड़ से ज्यादा की कमाई
6 महीने पहले छत्तीसगढ़ के विधानसभा में मानसून सत्र के प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने शराब बिक्री को लेकर सवाल पूछा। इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि साल 2019 से जून 2020 तक शराब के विक्रय से 6831 करोड़ 71 लाख 79 हजार 63 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। आबकारी मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 337 देशी और 321 विदेशी शराब दुकानें संचालित हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular