Wednesday, April 24, 2024
Homeछत्तीसगढ़राजनांदगांव अपहरण मामला: बेटे गुरप्रीत की जुबानी..किडनैपर ने उससे कहा था; तू...

राजनांदगांव अपहरण मामला: बेटे गुरप्रीत की जुबानी..किडनैपर ने उससे कहा था; तू ट्रिप एंजॉय कर और टेंशन मत ले, तुझे कुछ नहीं करेंगे…पैसे तो हमे तेरे बाप से लेने है….

सोमनी स्थित उड़ता पंजाब ढाबा से शुक्रवार की रात 9 बजे अपहृत गुरप्रीत सिंह को आरोपियों ने सोमवार सुबह छोड़ दिया। उसे रविवार रात सागर बस स्टैंड पर छोड़कर आरोपी फरार हो गए। लेकिन बच्चे को छोड़ने से पहले अपहरणकर्ताओं ने परिवार को चेतावनी भी दी है। गुरप्रीत की मां से फोन पर बात करने के दौरान आरोपी ने धमकी दी है कि हमारे 50 लाख रुपए की लेनदारी गुरप्रीत के पिता बलजीत से है। बच्चे से हमारी दुश्मनी नहीं, उसे लौटा रहे, पर अब आप इसके पिता की चिंता करो।

गुरप्रीत की जुबानी, अपहरण की पूरी कहानी…
… मुझे उड़ता पंजाब ढाबा सोमनी से उठाने के बाद राजनांदगांव की दिशा में ले आए। उनमें से एक व्यक्ति ने कहा तुझे बार्डर से घुमाकर वापस ला लेंगे। देखते ही देखते नागपुर तक ले गए। मैंने जब उनसे पूछा तो वे बोले – बस ट्रिप एंजॉय कर और टेंशन मत ले, तुझे कुछ नहीं करेंगे, हमें तेरे बाप से पैसे लेने हैं। पैसे की बात होते ही तुझे वापस छोड़ देंगे। अपहरण करने वाले दो गाड़ियों में करीब 7 लोग थे। शाम को एक घाटी के पास उनकी फार्चुनर कार खराब हो गई। जिसे वहीं छोड़ा और पीछे चल रही दूसरी कार में सभी सवार हो गए। इसके बाद एमपी और सुबह तक कार यूपी पहुंच गई। मैंने जब जिद की तो मेरी बात मम्मी से भी कराई। एक करीब 40 साल के अंकल ने मेरी मम्मी से 50 लाख रुपए मांगे। मुझे खाने का ऑफर देते रहे, लेकिन मैंने मना कर दिया। शनिवार की रात मुझे सागर बस स्टैंड में उतार दिया। मेरे साथ एक अंकल को भेजा। जिसे भी अपहरण करके रायपुर से लाया गया था। उसी अंकल के साथ मैं नागपुर तक आया। उन्होंने मुझे 200 रुपए दिए और वहीं मोबाइल फोन दिया, जिससे वे मेरे घर में फोन कर रुपए की मांग कर रहे थे। फिर पुलिस वाले अंकल का फोन आया। मुझे साकोली में रुकने कहा। जहां से पुलिस की गाड़ी मुझे राजनांदगांव तक लेकर आई।

कॉल 1: फिरौती के 50 लाख रुपए मांगे
पहला कॉल अपहरण के ठीक 20 मिनट बाद आया। इसमें अपहरण करने वाले ने 50 लाख रुपए लाने और बच्चे को ले जाने की बात ही। तब गुरप्रीत की मां बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाने की मिन्नत करती रही। मां ने कहा कि बच्चे को कुछ मत करना। कॉलर ने भी आश्वस्त किया कि गुरप्रीत उनके भतीजे की तरह हैं। उन्हें सिर्फ रुपए चाहिए।

कॉल 2: बच्चे की मां से फोन पर बता कराई
आरोपी ने देर रात दोबारा कॉल किया, बच्चा खाना नहीं खा रहा था। गुरप्रीत की उसकी मां से बता कराई। मां ने गुरप्रीत को कहा कि हिम्मत मत हारना, मेरी तबियत ठीक नहीं है बेटा, खाना खा लो। जब मैं तेरे पापा को ला सकती हूं तो तुझे भी घर ला लूंगी। अपनी मां के खातिर खाना खा ले। कॉलर ने फिर धमकाया कि हमें बलजीत से 50 लाख रुपए लेने हैं।

कॉल 3: एफआईआर करा पिता ने गलती की
तीसरे कॉल में आरोपी ने गुरप्रीत की मां को जमकर धमकाया। आरोपी ने कहा कि थाने में एफआईआर कराके इसके पिता ने गलती कर दी है। बच्चे से हमारी दुश्मनी नहीं हैं। इसे हम लौटा रहे हैं, बच्चा आपको सुरक्षित मिल जाएगा। मैं जुबान देता हूं, घर तक छोड़ने भी आ जाऊंगा लेकिन अब आपके इसके पिता की चिंता करो। ​​​​​​​

अब बच्चे के पिता से पूछताछ कर रही पुलिस
आरोपी कॉलर ने 50 लाख रुपए बलजीते द्वारा नहीं लौटाने की बात कही है। इससे स्पष्ट है कि गुरप्रीत के पिता बलजीत अपहरण करने वालों को जानते हैं। लेकिन अब तक उन्होंने पुलिस को जानकारी नहीं दी है। पुलिस अब बलजीत सेठिया से पूछताछ कर रही है। एसपी डी श्रवण ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।​​​​​​​

सीसी कैमरे नहीं होने से नहीं मिल सका फुटेज
गुरप्रीत ने बताया कि उसे ढाबे से आरोपी सीधे राजनांदगांव शहर होते हुए नागपुर की दिशा में ले गए। पुलिस को आखिरी लोकेशन ठाकुरटोला के पास मिली। इसके बाद आरोपी किस दिशा में गए जानकारी नहीं मिली। सभी का मोबाइल भी बंद था। शहर से बाहर निकलने वाले हिस्सों में सीसी कैमरे नहीं हैं। इसलिए फुजेट नहीं मिला। ​​​​​​​

महासमुंद व एमपी से जुड़े हैं तार, जांच जारी
दुर्ग पुलिस ने सेक्टर 4 के ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को सरेंडर करने के बाद नांदगांव पुलिस को सौंप दिया है। बलजीत को उसने सरायपाली के अविनाश से मुलाकात करवाई थी। महासमुंद के सटोरिए महेंद्र का भी नाम संदिग्धों की सूची में है। 50 लाख के लेन-देन की बात सामने आई है। एमपी से भी इसके तार जुड़े हैं। ​​​​​​​

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular