Thursday, October 3, 2024




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वैक्सीनेशन में लापरवाही: छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में नाबालिगों को भी लगा दिया कोरोना का टीका, CMHO ने अस्पतालों को दी चेतावनी….

  • स्वास्थ्य कर्मियों के नाम पर नाबालिगों के वैक्सीनेशन का संदेह
  • अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर मामले की जांच कर रहा विभाग

छत्तीसगढ़ में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन में लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां कुछ निजी अस्पतालों में नाबालिगों को भी कोरोना का टीका लगा दिया है। शिकायतें सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच करा रहा है। इधर, रायपुर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मीरा बघेल ने निजी अस्पतालों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है।

CMHO डॉ. मीरा बघेल ने लिखा है, वैक्सीनेशन का पर्यवेक्षण कर रहे अधिकारियों से पता चला है कि निजी अस्पतालों में ऐसे लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है जो इसके पात्र नहीं है। 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका लगाने की जानकारी भी पोर्टल से मिली है। यह काम केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के विपरीत है।

CMHO डॉ. बघेल ने लिखा है, जिन निजी अस्पतालों को कोरोना टीकाकरण केंद्र बनाने की अनुमति दी गई है, अगर उन्होंने टीकाकरण के दिशा निर्देशों के विपरीत काम किया तो अनुमति रद्द कर दी जाएगी। उनके खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

टीकाकरण निर्देशों के मुताबिक, अभी प्रदेश भर के कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों, मितानिनो, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, राजस्व, पुलिस और नगरीय निकायों के कर्मचारियों का टीकाकरण हो रहा है। इनमें से अधिकतर को कोरोना टीके की दूसरी डोज लग रही है। वहीं 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के गंभीर बीमार लोगों को टीका लगाया जाना है। ऐसे में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका लग जाना गंभीर मामला बन गया है। बताया जा रहा है कि यह मामला कोविन 2.0 पोर्टल में दर्ज विवरण के आधार पर सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै ने विभाग काे मामले की जांच कर दोषियों की पहचान के लिये कहा है।

टीका लगा रहे हैं अप्रशिक्षित कर्मचारी

निजी अस्पतालों में अप्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा टीका लगाने की बात भी सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई निजी अस्पताल कोरोना वैक्सीनेशन के लिये प्रशिक्षण प्राप्त कर्मियों की जगह दूसरे अप्रशिक्षित कर्मचारियों का प्रयोग कर रहे हैं। यह गाइडलाइन के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लंघन है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ऐसी हरकतों पर भी अस्पतालों को चेतावनी दी है।

अचानक बढ़ गये स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या भी संदिग्ध

बताया जा रहा है कि टीकाकरण की शुरुआत में कोविन पोर्टल पर 2 लाख के करीब स्वास्थ्य कर्मी, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पंजीकृत हुये थे। बाद में इनकी संख्या बढ़ती गई। अकेले रायपुर में 25 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़कर 40 हजार के आसपास हो चुकी है। रायपुर जिले में 58 सरकारी और 57 निजी अस्पतालों कोरोना वैक्सीनेशन हो रहा है।

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