Monday, May 6, 2024
Homeछत्तीसगढ़सक्ती राजपरिवार का विवाद सड़क पर: राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह बोले मेरी...

सक्ती राजपरिवार का विवाद सड़क पर: राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह बोले मेरी पत्नी विक्षिप्त है मैं उन्हें महल में नहीं रखना चाहता…पत्नी बोली- राजा जिसे बेटा बता रहे, वह हमारा बेटा ही नहीं…

जांजगीर-सक्ती: पूर्व मंत्री तथा सक्ती राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह और उनकी पत्नी गीता राणा सिंह का विवाद महल से बाहर आ गया है। रानी 30 साल पहले नेपाल चली गई थीं और हाल में लौटकर महल में रहने लगी हैं। उन्होंने खुला बयान जारी कर आरोप लगाया है कि उनके पति (राजा) के नौकर संपत्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं।

राजा जिसे बेटा बता रहे हैं, वह हमारा बेटा नहीं है। उधर, सुरेंद्र बहादुर ने जांजगीर एसपी को लिखित शिकायत दी है, जिसमें कहा गया है-रानी मेरी जानकारी और इजाजत के बगैर महल में रहने लगी हैं। मेरे बेटे तथा कर्मचारियों से दुर्व्यवहार कर रही हैं। वे विक्षिप्त लगती हैं, मैं उन्हें महल में रखना नहीं चाहता। सुरेंद्र बहादुर ने एसपी को भेजे पत्र में यह भी कहा कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना हो सकती है। वहीं रानी गीता राणा सिंह के मुताबिक उन्होंने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती में घरेलू हिंसा के तहत मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने फिलहाल घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत उन्हें महल में रखने के लिए 4 जून को आदेश पारित किया है।

30 साल बाद नेपाल से लौटीं गीता

दत्तक पुत्र से भी आपत्ति: रानी
रानी गीता राणा सिंह के अनुसार – मेरे पति राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह वृद्ध हो गए हैं और महल में ही आराम करते हैं। महल में कई पुराने नौकर हैं, जो उन्हें भ्रमित कर गलत फायदा लेना चाहते हैं। नौकर धनेश्वर सिंह सिदार के पुत्र धीरेन्द्र एवं छोटे भाई धर्मेन्द्र व अन्य लोग रहते हैं। धर्मेन्द्र हमारा वारिस नहीं है। राजा की पेंशन एवं महल की सम्पत्तियों से मिलने वाली आय का धर्मेंन्द्र, रोहित दोहरे दुरुपयोग कर रहे हैं और उसमें दूसरे नौकर सहायता कर रहे हैं। वे मेरे पति को मुझसे मिलने नहीं देते। राजा स्वयं चल फिर नहीं सकते तथा देखने सुनने में भी उन्हें परेशानी होती है। रानी ने उनके साथ मारपीट का भी आरोप लगाया है।

पत्नी की एसपी से शिकायत: राजा
एसपी को भेजे पत्र में सुरेंद्र बहादुर सिंह के अनुसार- गीता सिंह नेपाल में रहती हैं। वह पिछले माह आईं और मेरी इजाजत लिए बिना मेरे महल की ऊपरी मंजिल पर रहने लगीं। वे मेरे पुत्र, कर्मचारी एवं नौकरों के साथ गाली-गलौज और दुर्व्यवहार कर रही हैं। मेरे पुत्र एवं कर्मचारियों के विरूद्ध झूठी एवं मनगढ़ंत शिकायतें कर रही हैं। वे मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। मैंने कई बार उनको समझाने की कोशिश की, कि वे इस प्रकार की हरकतें न करें। इनकी हरकतों से तंग आ गया हूं।इससे महल एवं हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रही है। इनकी हरकतों से तंग आ गया हूं। मेरी उम्र 79 वर्ष है, शुगर एवं ब्लड प्रेशर का मरीज हूं। अगर वे सक्ती में रहना चाहती हैं तो अपना इंतजाम कहीं और कर लें। मैं उन्हें अपने महल में नहीं रखना चाहता, क्योंकि मेरे साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना हो सकती है।

मैं राजा का दत्तक पुत्र: धर्मेंद्र
धर्मेंद्र सिंह सिदार का कहना है- मैं राजा सुरेंद्र बहादुरसिंह का दत्तक पुत्र हूं। उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहा हूं। रानी 30 साल बाद आई हैं। वे विवाद क्यों कर रहीं हैं, मुझे नहीं पता। मेरी प्राइमरी स्कूल की अंकसूची से लेकर दस्तावेजों में पिता का नाम राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ही दर्ज है। दस्तावेज भी हमारे पास हैं।

गोद लिया जा सकता है
पति या पत्नी में से कोई भी सक्षम हो, तो गोद ले सकता है। नहीं मानने वाले को इसके खिलाफ सिविल सूट करना होगा।
-राजेश पांडेय, लोक अभियोजक, सेशन कोर्ट जांजगीर

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular