Thursday, March 28, 2024
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सरकारी अफसर बताकर पेंटिंग आर्टिस्ट से ठगी: महिला को CBI और महिला बाल विकास अधिकारी बनकर टेंडर दिलाने का लालच दिया, फिर-फिर दोस्ती कर धीरे-धीरे हड़प लिए 15 लाख रुपए..

राजेंद्र नगर थाने की पुलिस इस केस की छानबीन कर रही है। फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

राजेंद्र नगर थाने की पुलिस इस केस की छानबीन कर रही है। फाइल फोटो।

रायपुर./ रायपुर में रविवार को एक महिला पेंटिंग आर्टिस्ट से 15 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। यहां ठगों ने खुद को CBI और महिला एवं बाल विकास विभाग का अधिकार बताकर सरकारी टेंडर दिलाने का लालच देकर पहले दोस्ती की, फिर आर्टिस्ट से रुपए हड़प लिए। अब पीड़ित ने पूरी गैंग के खिलाफ राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है।

ऐसे बुना ठगी का जाल
36 सााल की शशीकांता तिर्की ने बताया कि वो अमलीडीह इलाके में रहती हैं। पिछले 10 साल से परिवार के लोगों के साथ मिलकर 3D वॉल पेंट का काम कर रही हैं। एक न्यू ईयर पार्टी के दौरान रूद्रा मिश्रा नाम के आदमी से इनकी मुलाकात हुई। उसने कहा कि वो महिला बाल विकास विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर है। उसके साथ रितेश शर्मा नाम का युवक भी था, जिसने बताया कि वो CBI का अधिकारी है। इसके बाद ठगों ने शशीकांता को बलौदाबाजार, इंदौर, खण्डवा, विदीशा में टेंडर दिलाने का लालच दिया।

धीरे-धीरे लिए 15 लाख रुपए
शशीकांता ने बताया कि टेंडर के सिलसिले में रुद्रा ने उसकी किसी राजेश अग्रवाल से बात भी कराई थी। कुछ दिन बाद रूद्रा मिश्रा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ हमारे घर आया। ये सिलसिला कई दिनों तक ऐसे ही चला। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को उसने कहा कि टेंडर के लिए फर्म के लिए जरूरी दस्तावेज बनवाने के लिए पहले 15 हजार रुपए लिए। इसके बाद अन्य दस्तावेज तैयार कराने, टेंडर के लिए कर्मचारी लोगों को पैसा देने और टेंडर की फीस जमा करने के नाम पर धीरे-धीरे 15 लाख रुप ले लिए।

भरोसा कायम रहे इसलिए फर्जी दस्तावेज तक भेजे
पीड़ित ने बताया कि कई बार उसे से मोबाइल पर टेंडर मिलने के मैसेज आते रहे। कई तरह के सरकारी डॉक्यूमेंट से लगने वाले दस्तावेज भी वॉट्सएप पर भेजे गए, जिनमें लिखा था कि टेंडर मिल चुका है। इस बीच रुद्रा ने शशी ने बता की तो वो कहता रहा कि लॉकडाउन के बाद सारा काम क्लियर होगा और टेंडर के मुताबिक काम की शुरुआत भी हो जाएगी।

दफ्तर गई तब हुआ खुलासा
लॉकडाउन के बाद जब शशी महिला बाल विकास विभाग के दफ्तर गई, तो खुलासा हुआ कि जिन टेंडर के कागजों को उसे वॉट्सएप पर भेजा गया वो सब फर्जी थे। किसी कंप्यूटर से खुद ही रुद्रा ने तैयार कर लिए थे। महिला बाल विकास के असली दफ्तर से ये भी पता चला कि यहां तो कोई रुद्रा मिश्रा नाम का आदमी काम तक नहीं करता। पूरी प्लानिंग के साथ रायपुर की महिला को ठग लिया गया था। अब रूद्रा मिश्रा, स्वाती मिश्रा, इसके साथी रितेश शर्मा, मनोज भारद्वाज, अनंत तिवारी नाम के लोगों का कोई अता पता नहीं है। राजेंद्र नगर थाने की पुलिस इन्हें तलाश रही है।

पिछले दो दिनों हुईं तीन बड़ी वारदातें
शहर में इसी तरह पिछले दो दिनों में ठगी की तीन बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। पहला मामला रायपुर के सिविल लाइंस इलाके के IDBI बैंक से जुड़ा है। ठग ने खुद काे स्टील कारोबारी बताकर बैंक से 23 लाख 31 हजार 955 रुपए ठग लिए। दूसरा मामला भनपुरी के एक कारोबारी से 35 हजार की छोटी सी ऑनलाइन ठगी की जांच ने पुलिस को दूसरे ठग तक पहुंचा दिया। रायपुर के कारोबारी से केवल 35 हजार की ठगी करने वाले जालसाज के खाते में 84 लाख मिले।

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