भाजपा विधायक दल विधानसभा परिसर से सीधा राजभवन पहुंचा। यहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
- राज्यपाल अनुसूईया उइके को सौंपा मांंगपत्र
- CAG से भी विधायकों ने की है शिकायत
रायपुर/छत्तीसगढ़ भाजपा ने राज्यपाल से सरकार की शिकायतों का सिलसिला एक बार फिर शुरू किया है। विधानसभा की कार्यवाही छोड़कर भाजपा विधायक दल ने आज राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में शराब पर लगे सेस के दुरुपयोग की शिकायत की। भाजपा विधायक दल महालेखाकार (CAG) को ऐसी शिकायत पहले ही कर चुका है।
भाजपा विधायक दल का कहना था, सरकार ने मई में दो अधिसूचनाओं के जरिए देशी शराब पर 10 रुपये और विदेशी शराब पर 10 प्रतिशत की दर से सेस अधिरोपित किया। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे पर खर्च होना था। 3 मार्च 2021 की स्थिति में इस सेस से 364.75 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। सरकार ने अप्रेल 2020 से गोठानों के विकास और रखरखाव के लिये प्रति बोतल खरीदी पर 5 रुपये का सेस लगाया। अब तक इस मद से भी 156 करोड़ रुपये की राशि इकट्ठा हुई है।
भाजपा विधायकों ने कहा, इस मद से सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को कोई राशि नहीं दी है। 23 फरवरी को मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें 200 करोड़ रुपये का प्रावधान है, लेकिन यह मुख्यमंत्री औद्योगिक उन्नयन निगम को दिया जाना है। पंचायत और कृषि विभाग को भी सेस से कोई रकम नहीं दी गई है। यह रकम गोधन न्याय योजना पर व्यय की जा रही है। भाजपा विधायकों ने सेस राशि के कथित दुरुपयोग के लिए राज्य सरकार पर कार्रवाई की मांग की है।
असल बवाल गोधन न्याय योजना पर
छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले साल जुलाई से यह योजना शुरू की। इसके तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीद रही है। इस गोबर से वर्मी कम्पोस्ट और दूसरी चीजें बनाकर गोठान समितियों और स्व-सहायता समूहों के जरिए बेचा जा रहा है। सरकार अब तक 77 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। सेस के जरिए उठा विवाद असल में गोधन न्याय योजना पर सवाल है।
बठेना कांड की निष्पक्ष जांच की मांग
भाजपा विधायकों ने एक दूसरा ज्ञापन सौंपकर बठेना कांड में निष्पक्ष जांच की मांग की। विधायकों ने कहा, दुर्ग जिले के बठेना गांव में एक नये तरीके की घटना हुई है। वहां के रामबृज गायकवाड़ की पत्नी और दो जवान पुत्रियों का हाथ-पांव बांधकर, गोबर के कंडे पर रखकर, ऊपर से पैरा डालकर जिंदा जला दिया गया है। रामबृज और उनके 24 वर्षीय पुत्र को एक ही फंदे पर लटका दिया गया। स्थानीय लोगों से चर्चा करने पर वे दुष्कर्म की संभावना जता रहे हैं। मामले में पुलिस जबरदस्ती लीपापोती कर हत्या को आत्महत्या बताने का प्रयास कर रही है। विधायकों ने कहा, ऐसी घटनाएं पाटन में पहले भी हुई हैं।