Saturday, April 20, 2024
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सिंहदेव के दिल्ली जाने की खबर: छत्तीसगढ़ की सियासी समीक्षा करने के लिए कांग्रेस हाईकमान आज बना सकते हैं समिति; राजधानी में चल रही डिनर डिप्लोमेसी…

रायपुर/ कुछ दिन की शांति के बाद छत्तीसगढ़ में फिर सियासी शोर बढ़ गया है। मुद्दा वही CM के ढाई-ढाई साल वाले फार्मूले का है। इस चर्चा ने शुक्रवार को इसलिए फिर जोर पकड़ा क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अचानक सुबह की फ्लाइट से दिल्ली चले गए। इस प्रवास को इतना गोपनीय रखा गया है कि उनके ऑफिस से मंत्री जी के रायपुर में ही कहीं व्यस्त होने की बात कही जा रही है। सिंहदेव से भी संपर्क नहीं हो रहा है।

दोपहर होते-होते खबर ये भी आई कि सिंहदेव लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक में शामिल हो रहे हैं, वहां केंद्रीय नेताओं से मिलेंगे। दिल्ली के सूत्र बता रहे हैं कि शुक्रवार को राष्ट्रीय महासचिव के कार्यालय से एक पत्र जारी हो सकता है, जिसमें छत्तीसगढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए समिति की घोषणा होगी।

तस्वीर दिल्ली की है, तब सभी विधायकों के साथ वहां भूपेश बघेल ने मीटिंग की थी।

तस्वीर दिल्ली की है, तब सभी विधायकों के साथ वहां भूपेश बघेल ने मीटिंग की थी।

दो दिन पहले दिग्विजय सिंह से भी केंद्रीय संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में चर्चा की थी। दिग्विजय सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और छत्तीसगढ़ में उनके समर्थकों की अच्छी संख्या है। इससे पहले भी दिग्विजय सिंह से छत्तीसगढ़ के मामलों में सलाह ली जाती रही है। जब यह राज्य बना था तब भी उन्हें पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था। दिल्ली के सूत्रों के मुताबिक इस बार भी दिग्विजय सिंह को छत्तीसगढ़ की समीक्षा करने के लिए यहां भेजा जा सकता है।

पिछले दिनों नेतृत्व बदलाव का पुनिया खंडन कर चुके हैं।

पिछले दिनों नेतृत्व बदलाव का पुनिया खंडन कर चुके हैं।

पुनिया से मिले प्रदेश के दो मंत्री
छत्तीसगढ़ के मंत्री लगातार दिल्ली प्रवास पर है। नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी दिल्ली में थे। दोनों ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न समाज, संगठनों का प्रदेश सरकार पर पूरा भरोसा होने से संबंधित कुछ पत्र भी सौंपे गए।

ये गाड़ी रायपुर के होटल में दिखी।

ये गाड़ी रायपुर के होटल में दिखी।

रायपुर में डिनर डिप्लोमेसी
दिल्ली में मीटिंग और बैठकों का दौर चल रहा है तो रायपुर में डिनर डिप्लोमेसी चल रही है। यहां रोज कुछ विधायकों और संगठनों के पदाधिकारियों के अलग-अलग होटलों में मिलने का सिलसिला जारी है। कल भी शहर के एक नामी होटल में 10 से अधिक विधायकों और संगठन के बड़े पदाधिकारियों ने डिनर किया।

एक प्रभावी नेता लगातार विधायकों के संपर्क में हैं और इस तरह उन्हें एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है। इस गुप्त मीटिंग के बारे में शुक्रवार को रायपुर के हेलिपैड पर पत्रकारों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किए, उन्होंने हंसते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं मालूम, पहले भी इस मामले में पुनिया जी जवाब दे चुके हैं वही अंतिम है।

शुक्रवार को पत्रकारों ने CM बघेल से विधायकों से मीटिंग के बारे में फिर पूछा तो उन्होंने कहा मुझे जानकारी नहीं।

शुक्रवार को पत्रकारों ने CM बघेल से विधायकों से मीटिंग के बारे में फिर पूछा तो उन्होंने कहा मुझे जानकारी नहीं।

16 जून के बाद से तेज हुई बदलाव की बात
करीब एक माह पहले दिल्ली में लगातार हुई बैठकों, 50 से अधिक विधायकों के राहुल गांधी से मिलने पहुंच जाने और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के इनकार करने के बावजूद छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की बात थम नहीं रही है। मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 16 जून को ढाई साल का कार्यकाल पूरा हुआ।

प्रदेश में यह चर्चा उठी थी कि उनकी जगह स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव को बाकी ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। कहा गया कि जब 2018 में कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनी तो दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के सामने यह ढाई-ढाई साल का फार्मूला बनाया गया था। इसमें प्रदेश के दोनों बड़े नेताओं को मौका देने के लिए बारी-बारी से सीएम की कुर्सी संभालनी थी।

16 जून के बाद जिस तरह राहुल गांधी से लेकर राष्ट्रीय महासचिव, प्रदेश प्रभारियों से मिलने भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव पहुंचे। लगातार बैठकें हुई और बघेल के समर्थन में 50 से अधिक विधायक दिल्ली पहुंचाए गए उससे लगा कि कोई निर्णय होगा।

चार घंटे राहुल गांधी के साथ चली बैठक के बाद पीएल पुनिया ने उस समय कह दिया कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही रहेंगे। उन्होंने यह तक कह दिया कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन पर राहुल गांधी के साथ कोई चर्चा ही नहीं हुई, सिर्फ विकास पर बात हुई। इससे लगा था कि यह मुद्दा अब खत्म हो गया, लेकिन टीएस सिंहदेव के कुछ बयानों और दिल्ली में चल रही हलचलों ने परिवर्तन की बात को बरकरार रखा है।

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