RAIPUR: बिना टेंडर किए करोड़ों की सामग्री खरीदी करने वाले 4 जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सस्पेंड कर दिया है। विधानसभा में बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने भ्रष्टाचार का ये मामला सदन में उठाया था, जिसके बाद सदन से ही मंत्री ने कार्रवाई की घोषणा की है।
धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि क्या छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम में एनसीसीएफ, नेकाफ, केंद्रीय भंडार और स्व सहायता समूह से बिना ख़रीदी करने की छूट दी गई है? उन्होंने बिना टेंडर के करीब 50 करोड़ की सामग्री खरीदी की जांच की मांग की। जिसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय, पीएस एल्मा, प्रमोद ठाकुर और राजेश मिश्रा को सस्पेंड किया है।
बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने सदन में उठाया मामला।
क्या था पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला साल 2020 से 2023 के बीच का है। कोरोना काल के दौरान बिना टेंडर के 5 जिले बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, मुंगेली और सूरजपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर करोड़ों की सामग्री खरीदी की थी। जिस पर भ्रष्टाचार की आशंका जताई गई।
सदन में मामला उठाए जाने के बाद विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वास्तव में ये खरीदी 36 करोड़ 51 लाख 87,918 रुपए की है और वह 5 जिलों की खरीदी है।
मंत्री ने ये बात मानी कि खरीदी के लिए इंडस्ट्री डिपार्टमेंट से डीईओ को छूट लेनी थी। जिसे नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल था इसलिए कलेक्टर की अनुमति से इमरजेंसी में इन्होंने खरीदी की है। इतनी बड़ी खरीदी करने के लिए जिस प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए जिनकी अनुमति लेना चाहिए, वह अनुमतियां नहीं ली गई है।
इसलिए इसके लिए यह भी माना गया है कि जो पांच जिला शिक्षा अधिकारी है। सूरजपुर, मुंगेली, बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव इन 5 जगह पर 36 करोड़ रुपए की लगभग खरीदी की गई और उनको यह माना गया कि उन्होंने बिना अनुमति के खरीदी की गई। इसलिए वह दोषी है और उसमें से बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड किया गया है।
दो जिला शिक्षा अधिकारी जो है, उनके खिलाफ में जांच चल रही है और दो के खिलाफ में जांच प्रस्तुत करने के कार्रवाई की जा रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्रवाई की घोषणा की।
इन जिलों में हुआ भ्रष्टाचार
सदन में मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सूरजपुर जिले में 11 करोड़ 36 लाख 34 हजार 730 की खरीदी की गई। मुंगेली जिले में 99 लाख 95 हजार 151 रुपए की खरीदी की गई थी। बस्तर जिला जहां पर 20 करोड़ 45 लाख 48 हजार 480 की खरीदी की गई। इसके बाद बीजापुर जिले में 53 लाख 64 हजार 759 रुपए और कोंडागांव जिले में 3 करोड़ 14 लाख 44 हजार 798 लाख रुपए की खरीदी की गई।
आपदा में अधिकारियों ने अवसर ढूंढा – कौशिक
धरमलाल कौशिक ने मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से कहा कि 50 करोड़ के घोटाले में 36 करोड़ का आपने स्वीकार किया और इतनी अनियमितताएं उसमें हुई है कि सारे नियमों को ताक में रखकर बिना टेंडर के खरीदी हुई। कोविड काल एक बहाना है।
करप्शन कैसे किया जा सके, इसके लिए आपदा में इन्होंने अवसर ढूंढा। ये कोरोना काल की बात करके बच नहीं सकते और यह बहुत बड़ी रकम है। मैं चाहता हूं कि कमेटी बनाकर इसकी जांच की जाए। जिसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय, पीएस एल्मा, प्रमोद ठाकुर और राजेश मिश्रा को निलंबित करने की घोषणा बृजमोहन अग्रवाल ने की।
विधायक आशाराम नेताम ने डीएमएफ से खर्च का मामला सदन में उठाया।
डीएमएफ मद से आत्मानंद स्कूल में हुए खर्च की जांच
DMF फंड से स्वामी आत्मानंद स्कूल में किए गए खर्च के मुद्दे को लेकर अगले सत्र में सरकार श्वेत पत्र लाने वाली है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन से इसकी घोषणा की। विधायक आशाराम नेताम ने डीएमएफ मद से स्वामी आत्मानंद स्कूल में खर्च की गई राशि का उठाया मामला।
जिसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- स्कूलों के जीर्णोद्धार पर इतनी राशि खर्च कर दी गई, जितने में एक नया स्कूल बन जाता। डीएमएफ की राशि निर्माण कार्यों में खर्च कर दी गई। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा- आपने कहा कि कलेक्टरों ने ये राशि खर्च की है तो कलेक्टरों पर कार्रवाई करें।
स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने पूछा- इस मामले में क्या सरकार श्वेत पत्र जारी कर सकती है?
इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- स्वामी आत्मानंद स्कूल में जिस तरह से निर्माण कराया गया है। इसकी विस्तृत जांच कराकर अगले सत्र तक सरकार श्वेत पत्र जारी कर देगी।
(Bureau Chief, Korba)