Saturday, April 27, 2024
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छत्तीसगढ़: आकाशीय बिजली गिरने से 5 की मौत, 2 घायल.. रायगढ़ में 3 और महासमुंद में 2 लोगों ने तोड़ा दम, एक साथ 22 मवेशियों की मौत..

छत्तीसगढ़: रायगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से मां-बेटी समेत 3 लोगों की मौके पर मौत हो गई, और महासमुंद में भी दो लोगों की मौत हुई है। लैलूंगा के पास तेज बारिश से बचने के लिए ये तीनों शिव मंदिर में भागकर पहुंचे थे। जहां गाज की चपेट में आ गए। इधर महासमुंद में दो युवक घूमने निकले थे, इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि 2 बच्चे घायल बताए जा रहे हैं।

उपनिरीक्षक बलदेव सिंह पैकरा ने बताया कि लैलूंगा से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम केशला के रतनपुर मोहल्ले में रहने वाली कमला सारथी (30 वर्ष) अपनी मां हुलासो बाई (60 साल) के साथ कल शाम करीब 5 बजे शिव मन्दिर के पास तालाब किनारे गई थी। कुछ देर में बूंदाबांदी शुरू होने पर पानी से बचने के लिए मां-बेटी दोनों मंदिर पहुंच गए। कमला और हुलासो बाई के साथ ही वहां गांव का ही सुखीराम बंजारा (34 वर्ष) भी बारिश से बचने के लिए मंदिर के दरवाजे पर खड़ा था।

गाज गिरने से युवक की मौत।

गाज गिरने से युवक की मौत।

थोड़ी देर बाद बारिश खूब तेज हो गई। जिसके बाद मां-बोटी मंदिर के अंदर चली गईं,और सुखीराम दरवाजे पर खड़ा रहा। इस दौरान अचानक गाज गिरने से तीनों लोग इसकी चपेट में आ गए। बारिश रुकने पर जब ग्रामीण मंदिर के अंदर गए, तो दरवाजे के पास सुखीराम और अंदर कमला बाई व उसकी मां हुलासो की लाश मिली। मंदिर में एक साथ 3 लाश को देखकर ग्रामीण ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। लैलूंगा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर तीनों के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

गाज गिरने से महिला की मौत।

गाज गिरने से महिला की मौत।

उपनिरीक्षक बलदेव सिंह पैकरा ने बताया कि बारिश के मौसम में अधिकतर लोग या तो पेड़ों के नीचे खड़े हो जाते हैं या फिर किसी ऐसे बिल्डिंग में चले जाते हैं, जिन पर विद्युत कुचालक रॉड नहीं लगी रहती और गाज की चपेट में आकर उनकी जान चली जाती है। गुरुवार को भी​​​​​​​बीजापुर के गायतापारा में गाज गिरने से एक साथ 22 मवेशियों की मौत हो गई थी। सभी मवेशी पेड़ों के नीचे खड़े थे, तभी आकाशीय बिजली गिरी और ये इसकी चपेट में आ गए।

महासमुंद में भी आकाशीय बिजली गिरने से शुक्रवार को 2 लोगों की मौत हो गई, वहीं दो घायल हो गए। घटना बुंदेली चौकी क्षेत्र में हुई, जो तेंदूकोना थाना अंतर्गत आता है। जानकारी के मुताबिक, जय सिंह ठाकुर (55 वर्ष) और लखन सिंह (32 वर्ष) कल दोपहर ढाई बजे खाना खाकर टहलने निकले थे, तभी अचानक बारिश शुरू हो गई। इससे बचने के लिए दोनों नदी किनारे स्थित शिव मंदिर में रुके थे, तभी आकाशीय बिजली गिरी और दोनों उसकी चपेट में आ गए। मौके पर ही जय और लखन सिंह की मौत हो गई।

दो नाबालिग भी हुए घायल

सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने दूसरी घटना में गाज गिरने से दो नाबालिग लड़कों के घायल होने की भी जानकारी दी है। पुलिस ने कहा कि बोरईलामी चौकी बुंदेली क्षेत्र के रहने वाला पंकज पटेल (14 वर्ष) और खेमन यादव (16 वर्ष) आकाशीय बिजली की चपेट में आकर घायल हो गया है। दोनों को इलाज के लिए भुरकोनी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इसलिए आकाशीय बिजली धरती पर गिरती है

दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। यदि यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढि़या कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ।

आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी

  • आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है। इसकी क्षमता तीन सौ किलोवॉट अर्थात 12.5 करोड़ वॉट से ज्यादा चार्ज की होती है। यह बिजली मिली सैकेंड से भी कम समय के लिए ठहरती है।
  • यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
  • दोपहर के वक्त इसके गिरने की आशंका ज्यादा होती है।

आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ

  • आकाशीय बिजली के एक चीज पर दो बार नहीं गिरती।
  • रबर, टायर या फोम इससे बचाव कर सकते हैं।-अगर कोई नाव चला रहा हो तो बाहर आ जाना चाहिए।
  • लम्बी चीजें आकाशीय बिजली से बचाव करती हैं।

बचाव के उपाय

  • अगर आप बादलों के गरजने के समय घर के अंदर हैं तो घर के अंदर ही रहें।
  • बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें, जैसे रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव इत्यादि।
  • पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें।
  • अगर आप खुले मैदान में हैं तो जल्दी से किसी बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाएं।
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