कोटा/राजस्थान: खेल के दौरान हुए झगड़े से गुस्साए एक 7 साल के नाबालिग बच्चे ने 14 साल के बच्चे को आग के हवाले कर दिया। करीब एक महीने तक जिंदगी की जंग लड़ते-लड़ते 14 साल के नाबालिग की इलाज के दौरान बुधवार को मौत हो गई। पुलिस ने अब 7 साल के नाबालिग के खिलाफ हत्या की धारा 302 में मुकदमा दर्ज किया है।
उद्योग नगर थानाधिकारी मनोज सिकरवार ने बताया कि प्रेमनगर निवासी मृतक बालक विशाल के पिता छोटेलाल सब्जी की दुकान लगाते हैं। बालक भी अपने पिता के साथ दुकान पर काम करता था। दोनों पिता-पुत्र 12 मई को सब्जी मंडी से सब्जी खरीद कर आए। जिसके बाद पिता अपनी दुकान पर चला गया। पीछे से विशाल घर पर ही खेल रहा था। उसके साथ पड़ोस में रहने वाला 7 साल का लड़का भी खेल रहा था। 12 मई को दोनों के बीच खेलते समय दोनों में झगड़ा हो गया था।
घरवालों की नजर इसलिए नहीं पड़ी क्योंकि अकसर बच्चों में झगड़ा हो जाता है। लेकिन 7 साल के बच्चे ने ऑटो से डीजल से भरी बोतल निकाली और 14 साल के नाबालिग पर छिड़क कर उसे माचिस से आग लगा दी। आग से तड़पते वह पास ही जाकर एक पानी की टंकी में कूद गया। जिससे आग तो बुझ गई लेकिन वह 50 फीसदी से ज्यादा झुलस गया। गंभीर हालत में बच्चे को एमबीएस अस्पताल के बर्न वार्ड में उसे भर्ती करवाया गया था।
अस्तपाल की मॉर्च्यूरी के बाहर मृतक के परिजन।
एमबीएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि पिछले एक माह से उसका उपचार चल रहा था। लेकिन 50 फीसदी से ज्यादा जले होने के कारण उसके इन्फेक्शन बढ़ रहा था। बुधवार दोपहर 15 जून को बालक की उपचार के दौरान मौत हो गई। सूचना पर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। बालक की मौत पर प्रकरण में हत्या की धारा जोड़ी गई है।
कुछ समय पहले ही आया था कोटा
जिस बच्चे ने आग लगाई वह पहले मध्यप्रदेश के श्योपुर में ही अपने मूल गांव में दादा-दादी के पास रहता था। उसके पिता कोटा में ऑटो चलाते हैं। एक महीने पहले उसके पिता स्कूल में एडमिशन के लिए उसे यहां लाए थे। तभी उसकी दोस्ती पड़ोस में रहने वाले बच्चे से हुई थी। दोनों काफी समय से साथ-साथ खेलते थे। वहीं मृतक ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ रखी थी। वह पिता के साथ सब्जी बेचने में उनकी मदद करता था।
जेजे एक्ट के अनुसार कार्रवाई
मनोज सिकरवार ने बताया कि बच्चे के खिलाफ हत्या की धारा 302 में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल आग लगाने वाला बालक अपने पिता के साथ ही अपने श्योपुर गांव में है। पुलिस बच्चे से नियमानुसार पूछताछ कर सकती है। बच्चे के खिलाफ जेजे एक्ट के प्रावधानों के तहत ही कार्रवाई होगी।