रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान 7 नवंबर को खत्म हो गया। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को मतदान के अनंतिम आंकड़े 76.47% बताए हैं। यानी कि अभी भी इनमें बदलाव संभव है। इससे पहले शाम 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत 70.87 बताया गया था।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले ने बताया कि पहले चरण के चुनाव के दौरान तकनीकी समस्या के चलते 62 कंट्रोल यूनिट और 123 VVPAT बदले गए। बस्तर विधानसभा में सबसे ज्यादा 84.65% और बीजापुर में सबसे कम 46% मतदान हुआ है।
जहां मतदान हुआ, वहां 19 सीटें कांग्रेस के पास
जिन 20 सीटों पर मतदान हअुा है, उनमें से 19 सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं। केवल एक राजनांदगांव सीट भाजपा के पास है। 2018 के चुनाव में दंतेवाड़ा सीट भाजपा के पास थी, लेकिन नक्सली हमले में विधायक की मौत के बाद हुए उप चुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। ऐसे ही खैरागढ़ सीट जेसीसीजे के पास थी, लेकिन उप चुनाव में इस पर भी कांग्रेस का कब्जा हो गया। कवर्धा और मोहला-मानपुर सीट पर भी अभी कांग्रेस विधायक हैं।
आजादी के बाद 126 केंद्रों पर पहली बार मतदान
बस्तर के 12 विधानसभा क्षेत्रों में 126 नए मतदान केंद्र बनाए गए थे। जहां आजादी के बाद पहली बार मतदान हुआ है। इससे पहले अतिसंवेदनशील और नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण मतदान केंद्र नहीं बनाए जाते थे। इनमें से ज्यादातर केंद्रों पर 50 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है।
घायल जवानों का इलाज जारी, 3 शिक्षकों की मौत
मतदान के दौरान 4 जिलों में सुकमा, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में हुई नक्सल वारदातों में किसान और जवान घायल हुए हैं। इन घायल जवानों को उपचार के लिए रायपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं मतदान के अगले दिन बुधवार को चुनाव ड्यूटी से लौट रहे 3 शिक्षकों की केशकाल में मौत हो गई। ये सभी कोंडागांव में EVM जमा कर रहे थे, तभी बोलेरो वाहन को ट्रक ने टक्कर मार दी।
पहले चरण के चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग में मॉनिटरिंग की जाती रही।
156 बूथ संवेदनशील
पहले चरण की 20 सीटों पर 156 बूथ संवेदनशील थे। इन दुर्गम व संवेदनशील क्षेत्र में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को हेलिकॉप्टर से सोमवार को बूथों तक पहुंचा दिए गए थे। पहले चरण के मतदान के लिए 25420 कर्मचारी तैनात किए गए थे। इन सीटों पर 1 लाख 64 हजार 299 युवा वोटर रहे, इन्होंने पहली बार मताधिकार किया। इस बार चुनाव में 18-19 साल के इन युवाओं के अलावा 30,919 दिव्यांग और 27,918 मतदाता 80 साल से ज्यादा उम्र के थे।