Friday, April 19, 2024

Daily Archives: Jan 13, 2021

कार के दरवाजों और सीट के नीचे भरकर गांजे की तस्करी, GPM में पकड़ा गया 17.50 लाख का मादक पदार्थ…

गौरेला क्षेत्र में पुलिस ने देर रात पीछा कर पकड़ा, 25 किलो गांजा बरामदपुलिस ने महिला सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया, पूछताछ जारी छत्तीसगढ़...

बड़ी खबर: भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष गिरफ्तार, घर में मिला कच्ची शराब का जखीरा…

आबकारी विभाग की टीम द्वारा मौके पर से बीजेपी महिला मोर्चा पोहरी की मंडल अध्यक्ष ललिता राजे को अवैध कच्ची शराब बेचने के...

BJP संगठन में बदलाव: आज रात घोषित हो सकती है प्रदेश कार्यकारिणी , 50% नए चेहरे होंगे…

सिंधिया समर्थक पंकज चतुर्वेदी सहित 2-3 लोग एडजस्ट होंगे।भोपाल से पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मिल सकती है जगह। बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी में नियुक्तियों...

ट्रांसफर बिग ब्रेकिंग: 7 एडिश्नल एसपी सहित 9 पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर आर्डर हुआ जारी…..देखिये किस पुलिस अधिकारी को कहां भेजा गया…

रायपुर। पुलिस विभाग में आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस अफसरों के ट्रांसफर आर्डर जारी किये गये हैं। तबादला किये गये अफसरों में 7 एडिश्नल...

बालको गठित कृषक उन्नयन संगठन का टर्न ओवर पहुंचा 40 लाख रुपए …

बालकोनगर, । वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने सामुदायिक विकास कार्यक्रम की परियोजना जलग्राम के अंतर्गत नाबार्ड के सहयोग से कृषि उन्नयन की दिशा में कोरबा कृषक उन्नयन प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (के.के.यू.पी.सी.एल.) की स्थापना की थी। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व स्थापित कंपनी से जुड़े किसानों ने खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर आज अपना टर्न ओव्हर लगभग 40 लाख के स्तर तक पहुंचा दिया है। किसानों को इस बात की उम्मीद है कि वे मार्च 2021 तक अपना टर्न ओव्हर लगभग 80 लाख रुपए के स्तर पर ले जाएंगे। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने के.के.यू.पी.सी.एल. के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्हांेने किसानों की दूरदर्शिता और आत्मविश्वास की प्रशंसा करते हुए कहा है कि 40 लाख रुपए का टर्न ओव्हर बड़ी उपलब्धियों की ओर पहला कदम है। संगठित प्रयास से किसान कृषि क्षेत्र में निश्चित ही कोरबा और छत्तीसगढ़ राज्य को नई ऊंचाइयों पर स्थापित करेंगे। कैसे छूआ 40 लाख का आंकड़ा - के.के.यू.पी.सी.एल. ने किसानों को उच्च गुणवत्ता के खाद, बीज और दवाइयां उपलब्ध कराईं। किसानों ने अपनी सब्जियां और दूसरे अनाज-चावल, दाल, गेहूं आदि बालको की ‘उन्नति फ्रेश परियोजना’ के जरिए बालको टाउनशिप के नागरिकों तक पहुंचाईं। इसके अलावा सब्जी मंडी के जरिए फुटकर मार्केट तक अपना उत्पादन पहुंचाकर किसानों ने 40 लाख रुपए के आंकड़े को पाने में सफलता हासिल की। क्या है के.के.यू.पी.सी.एल. - के.के.यू.पी.सी.एल. कोरबा के ग्राम बेला में स्थापित की गई है। इस कंपनी से 350 किसान जुड़े हैं। परियोजना से ग्राम दोंदरो, बेला, जामबहार और रुगबहरी के ऐसे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा गया है जिनके पास न्यूनतम एक एकड़ कृषि भूमि है। के.के.यू.पी.सी.एल. से जुड़े सभी किसानों को कंपनी की अंशधारिता प्रदान की गई है। निदेशक मंडल का चुनाव किसानों ने सर्वसम्मति से किया है। मंडल का कार्यकाल दो वर्षों का होता है। कंपनी के वर्तमान अध्यक्ष ग्राम बेला के श्री अमृत लाल हैं। कंपनी स्थापना का उद्देश्य - के.के.यू.पी.सी.एल. का उद्देश्य किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों से जोड़ना, शासकीय योजनाओं की जानकारी देना तथा उसका लाभ लेने में सहयोग करना और कृषक संघ द्वारा उत्पादित फसलों को बाजार तक पहुंचाकर उन्हें उचित मूल्य दिलाने में मदद करना है। कैसे काम करती है कंपनी - कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्य समय-समय पर बैठक कर जरूरी प्रशिक्षण, खाद-बीज एवं अन्य उपकरणों की खरीद, उपज लेने, शासकीय मदद पाने आदि की रुपरेखा तैयार करते है। उपज लेने संबंधी प्रशिक्षण के लिए के.के.यू.पी.सी.एल. ने ग्राम बेला में वेदांत एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर (व्ही.ए.आर.सी.) की स्थापना की है। यह केंद्र प्रशिक्षण, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, आधुनिक सिंचाई प्रणाली और सब्जियों के संरक्षण के लिए सोलर ड्रायर की सुविधाओं से लैस हैं। इसके साथ ही शेड नेट ग्रीन हाउस में परीक्षण के तौर पर मिर्च और शिमला मिर्च उगाने की सुविधा है। केंद्र के माध्यम से किसानों को विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में आधुनिक खेती और अनेक शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाती है। कोविड-19 के दौर में सोशल मीडिया के जरिए किसान चौपाल आयोजित किए जाते हैं। बायोफ्लॉक पद्धति से मछली पालना सीख रहे किसान - बालको-नाबार्ड स्थापित व्ही.ए.आर.सी. बिलासपुर संभाग का पहला ऐसा केंद्र है जहां किसानों को बायोफ्लॉक पद्धति से मछली पालन का प्रशिक्षण देने की सुविधा है। इस पद्धति में मछली पालन कम स्थान पर किया जा सकता है। कम खर्च और तालाब से 40 गुना कम स्थान पर तालाब जैसा उत्पादन लिया जा सकता है। आधुनिक खेती से खिले किसानों के चेहरे - परियोजना जलग्राम के क्रियान्वयन से पूर्व लक्षित क्षेत्र के किसान सिर्फ धान की फसल ले पाते थे। सिंचाई और खेती की अनेक आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता को देखते हुए आज ऐसे किसान वापस अपने गांव लौट चुके हैं जो कभी रोजी-रोटी के लिए पलायन कर चुके थे। किसानों की आधुनिक पीढ़ी शिक्षित है और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के प्रति सजग भी है। बालको टाउनशिप के एक स्कूल से कक्षा 12वीं तक पढ़े कोमल भगत ग्राम बेला और आसपास के क्षेत्रों के लिए पहले ऐसे किसान हैं जिन्होंने वर्ष 2020 में तरबूज की बंपर पैदावार ली। मात्र डेढ़ एकड़ में उन्होंने 15 टन की उपज ली। तरबूज के बाद अब वह ड्रिप प्रणाली से बरबट्टी, करेला, बीन्स आदि की फसल ले रहे हैं। अब तक वह नौ टन करेला और चार टन बरबट्टी की पैदावार ले चुके हैं। इससे उन्हें लगभग दो लाख रुपए की आमदनी हुई। ग्राम बेला के पूर्व सरपंच श्री फूल सिंह राठिया बताते हैं कि सब्जियों के उत्पादन में ड्रिप प्रणाली के प्रयोग से खरपतवार नहीं होते। पानी, खाद और दवाइयां कम लगती हैं। सब्जियों की सड़ने की प्रक्रिया धीमी होती है। ग्राम दोंदरो के किसान खुमान सिंह धान उगाने की आधुनिक तकनीक एस.आर.आई. में अब पारंगत हो चुके हैं। अपने अनुभव के आधार पर वह बताते हैं कि पहले वह छींटा या रोपा विधि से धान की फसल लेते थे। छींटा विधि में उन्हें लगभग 30 किलो बीज से प्रति एकड़ लगभग 8 क्विंटल उपज मिलती थी। रोपा विधि में 15 किलो बीज से लगभग 11 क्विंटल उपज होती थी जबकि एस.आर.आई. विधि में मात्र 3 किलो बीज से 15 क्विंटल से भी ज्यादा धान मिलता है। गांव में कुंआ और चेक डेम की व्यवस्था बालको ने की है। इनकी मदद से अब गांव के किसान गेहूं और दलहन की फसल भी लेने लगे हैं। वह कहते हैं कि बालको की ओर से मिल रही मदद ने उनके जीवन की दिशा बदल दी है। वेदांता समूह की कंपनी बालको की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, आधारभूत संरचना विकास, महिला सशक्तिकरण, जैव-निवेश, आजीविका आदि क्षेत्रों में परियोजनाएं क्रियान्वित हैं। परियोजनाओं के दायरे में छत्तीसगढ़ के लगभग 1.50 लाख जरूरतमंद शामिल हैं। 300 स्व सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 4000 महिलाओं के स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण में मदद मिल रही है। लगभग 500 एकड़ भूमि पर किसान आधुनिक तकनीकों की मदद से खेती कर रहे हैं। वेदांता स्किल्स स्कूल ने छत्तीसगढ़ के लगभग 9000 जरूरतमंद युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनने में मदद की है।

रायपुर में हुई वारदात: परिवार सोता रहा गहरी नींद में, और किसी ने घर के बाहर खड़ीं 4 मोटरसाइकिलें जला दीं…

तस्वीर रायपुर की है। जब घर के लोगों को पता चला तब तक गाड़ियां जल चुकी थीं। रायपुर के राजातालाब इलाके की घटना, सीसीटीवी कैमरों...

बर्ड फ्लू का डर !: अब बलौदाबाजार में उड़ते हुए सड़क पर गिरी चिड़िया; डॉक्टर बोले- चोट के कारण मौत होने की आशंका…

पलारी से करीब 5 किमी दूर कोसमंदी अमेरा की घटना, डर के चलते लोगों ने हाथ ही नहीं लगायासूचना पर करीब एक घंटे बाद...

नशे के खिलाफ जंग: प्रतिबंधित दवाओं के लेन-देन का रखना होगा रिकॉर्ड, मरीज डॉक्टर की स्लिप लेकर आए तो इसकी एक कॉपी अपने पास...

तस्वीर रायपुर की है। पुलिस कंट्रोल रूम में हुई इस बैठक के दौरान केमिस्टों ने पुलिस को सहयोग करने का भरोसा दिया। पिछले कुछ दिनों...

भाजपा का किसान आंदोलन!:नेताओं ने लगाया नारा- अन्नदाताओं को न तरसाना, सभी किसानों को दो बारदाना

पूरे छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने दिया धान खरीदी में अव्यवस्था के खिलाफ धरनाप्रदेश सरकार पर लगाए नाकामी के आरोप, 22 जनवरी को...

कोरबा वासियों को इमरजेंसी ट्रामा यूनिट, मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर सहित अन्य सुविधाओ की मिलेगी सौगात; राजस्व मंत्री 14 जनवरी को करेंगे उद्घाटन …

कोरबा । नववर्ष 2021 कोरबा वासियों के लिए नई उम्मीदों के साथ आया है। एक ओर जहॉ हम सभी कोरोना संक्रमण के कमरतोड़ प्रहार...
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