- अब तक 1047 आंगनबाड़ियां बनी बाल सुलभ केन्द्र
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5000 आंगनबाड़ी भवन निर्माण का लक्ष्य
रायपुर: बच्चों तथा महिलाओं के कल्याणकारी योजनाओं में मैदानी स्तर पर सुचारू रूप से संचालन के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का सक्षम होना जरूरी है। इसे देखते हुए राज्य के 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें से 1047 आंगनबाड़ी केन्द्रों को आकर्षक रूप देकर बाल सुलभ केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। साथ ही प्रदेश के 10 आकांक्षी जिलों एवं 20 विकासखण्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए स्वयं का आंगनबाड़ी भवन होना आवश्यक है। जिन स्थानों पर आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए भवन नहीं हैं, वहां हितग्राहियों की सुविधा के लिए राज्य शासन द्वारा अधिकाधिक संख्या में आंगनबाड़ी भवन निर्माण के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कुल स्वीकृत 52 हजार 474 आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में से कुल 47 हजार 189 केन्द्रों के लिए स्वयं के भवन स्वीकृत किया गया है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5000 आंगनबाड़ी भवन निर्माण किये जाने लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूल शिक्षा विभाग के साथ समन्वय करते हुए 5000 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाड़ियां प्रारंभ की जा रही है।