कोरबा: जिले के कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में हाथियों ने एक वृद्ध महिला को कुचलकर मार डाला। महिला अपने घर में सो रही थी। घटना की सूचना मिलने पर DFO कुमार निशांत मौके पर पहुंचे। महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, पसान रेंज के पंगावा ग्राम में सोन कुंवर (84) नाम की बुजुर्ग महिला घर के अंदर सो रही थी, तभी हाथियों के झुंड ने घर में घुसकर उस पर हमला कर दिया। हाथियों ने उसे कुचलकर मार डाला, वहीं परिवार के अन्य सदस्य भागने में सफल रहे।
घटना की सूचना मिलने पर DFO कुमार निशांत मौके पर पहुंचे। महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है।
दरअसल 42 हाथियों का झुंड मंगलवार को पहाड़ी पर बसी बस्ती बैगापारा में भटक गया। इनमें से कुछ हाथी सोन कुंवर के घर में घुस गए। परिवार के अन्य सदस्य हाथियों को देख भागने में सफल रहे, लेकिन 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला भाग नहीं सकी और हाथियों ने उसे कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद हाथियों ने घर में रखा सारा बाजरा भी खा लिया।
कटघोरा वनमंडल के DFO कुमार निशांत ने कहा कि मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है।
10 सितंबर को हाथियों ने 2 महिलाओं की ली जान
रविवार को भी कटघोरा वनमंडल के ही चोटिया कोयला खदान के डंपिंग एरिया में हाथी के हमले में 2 महिलाओं की मौत हो गई थी। वहीं हाथियों ने एक व्यक्ति को भी घायल कर दिया था। दोनों महिलाएं और घायल पुरुष सभी एक ही परिवार के थे। वे कटघोरा जंगल के चोटिया कोयला खदान के पास बांस काटने गए थे। इसी दौरान एक हाथी ने उन पर हमला कर दिया था, जिसमें 2 महिलाओं की मौत हो गई थी।
मृतक महिलाओं की पहचान राजकुमारी (39) और पुन्नी बाई (55) के रूप में हुई थी, वहीं घायल व्यक्ति का नाम नरसिंह पैकरा (42) है। तीनों कोरबी गांव के रहने वाले थे। इस दौरान मौके पर मौजूद नरसिंह पैकरा के बेटे दीपक ने भागकर अपनी जान बचाई थी।
कटघोरा वनमंडल के DFO कुमार निशांत ने कहा कि मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है। बाकी के 5 लाख 75 हजार रुपए का मुआवजा बाद में दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि हाथी के हमले में घायल व्यक्ति के इलाज का खर्च वन विभाग दे रहा है। वहीं हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए वनकर्मियों को तैनात किया गया है।
डीएफओ ने बताया कि 42 हाथियों में से 35 हाथी मंगलवार को पंगावा से पाली ग्राम पंचायत की ओर चले गए, जबकि 7 झुंड से अलग हो गए हैं और कोरबी वनक्षेत्र की ओर चले गए हैं।