- हाथियों का आतंक: ओडिशा-झारखंड सीमा से लगे तपकरा वनक्षेत्र में हाथी जान और माल का पहुंचा रहे नुकसान
जशपुरनगर: ओडिशा-झारखंड सीमा से लगे तपकरा वनक्षेत्र इलाके के गांवों में हाथियों का दल बीते 1 महीने से उत्पात मचा रहा है। सोमवार को सुबह ग्राम कंदईबहार के जंगल में शौच करने के लिए गई मां-बेटी पर एक हाथी ने जानलेवा हमला कर दिया। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना सुबह करीब 6 बजे की बताई जा रही है। महिला के सिर में गंभीर चोटे आई है। दोनों महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसके अलावा चिमनीपानी में दंतैल ने दो मकान को तोड़ दिया और अनाज को खाकर जंगल में लौट गए। हाथियों के आतंक से आसपास गांवों के लोग दहशत में है।
तपकरा वनक्षेत्र के रेंजर ने बताया कि ग्राम कंदईबहार निवासी सुमिता पैंकरा(26) अपनी मां पहाती बाई(45) के साथ सुबह शौच के लिए समीप के जंगल में गई थीं। वहां दोनों का सामना हाथी से हो गया। हाथी को देख-मां बेटी भागने का प्रयास किया। लेकिन हाथी ने दौड़ाकर दोनों को सूंड़ से पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों के सिर में गंभीर चोटे आई है। वहां से गुजर रहे लोगों ने हाथियों को भगाया। साथ ही खून से लथपथ मां-बेटे को संजीवनी वाहन से उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तपकरा भेजा। वहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार किया। गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को रायगढ़ रेफर कर दिया गया। हाथी के हमले की सूचना मिलने पर फरसाबहार एसडीएम सबाब खान भी अस्पताल पहुंचे। जहां दोनों महिला को रायगढ़ भेजने की व्यवस्था की। साथ ही उन्होंने डॉक्टर को घायलों का बेहतर इलाज करने कहा।
शाम ढलते ही पहुंच जाते हैं अनाज को कर देते हैं चट कंदईबहार के ग्रामीणों के अनुसार कई दिनों से दो हाथी जंगल में घूम रहे हैं। वे कभी भी गांव में पहुंच जाते हैं। और उत्पात मचाने लगते हैं। इससे ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं। वन विभाग को इसकी सूचना दी गई थी। लेकिन टीम के पहुंचने के पहले ही हाथी घने जंगल में चले जाते हैं। पत्थलगांव वनपरिक्षेत्र के ग्राम हाथियों का दल रेड़े, लुढ़ेग के जंगल में बीते 1 महीने से डेरा जमाए हुए हैं। हाथी शाम ढलते ही सरईटोला, चिकनीपानी, बिछीपानी, बेरबेगी के गांवों में पहुंच जाते हैं। जहां रातभर मक्का की फसल को खाने के बाद लौट जाते हैं।
चिकनीपानी में मकान खाली करा लेने से टली बड़ी घटना पत्थलगांव वनपरिक्षेत्र के ग्राम चिकनीपानी में सोमवार की सुबह 4 बजे अचानक एक हाथी गांव में आ धमका। जहां दंतैल हाथी ने दो मकानों को तोड़कर कमरे में रखे अनाज को चट कर दिया। वहीं बाड़ी लगी मक्के की फसल को रौंद दिया। हालांकि घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ। पत्थलगांव रेंजर कृपा सिंधु पैकरा ने बताया कि इलाके में हाथियों के आतंक को देखते हुए दोनों मकानों को खाली करा दिया गया था। परिवार के सभी सदस्यों को बस्ती के दूसरे घरों में शिफ्ट कर दिया गया था।
150 से ज्यादा स्थानों में लगाया बैरियर ओडिशा और झारखंड के जंगलों से रास्ते हाथी छग में प्रवेश कर रहे हैं। तपकरा वनपरिक्षेत्र के जंगल में सबसे ज्यादा हाथी विचरण कर रहे हैं। डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि प्रभावित इलाके के 150 से ज्यादा स्थानों में लगाया बैरियर लगाया गया है। साथ ही सभी प्रभावित गांवों व हाथी के गुजरने के रास्तें में लाल कपड़ा टांगा गया है। साथ ही गांवों में लोगों को जंगलों में जाने पर मनाही की गई है। अब तक जिले में हाथी के हमले से 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।