Friday, March 29, 2024
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छत्तीसगढ़: पीपीई किट खरीदी के लिए जारी टेंडर में गड़बड़ी; जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है, उस पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे टेंडर हासिल करने का लगा आरोप…

रायपुर(बीसीसी न्यूज़24): कोरोना के संकट से गुजर रहे देश में लोग अभी भी आपदा में अवसर तलाश कर रहे हैं। ऐसी ही जानकारी राहत कार्य में जुटे डॉक्टरों के लिए तैयार की जाने वाली पीपीई किट (कवर ऑल ब्रीथवेल फैब्रिक) खरीदी के लिए जारी टेंडर में गड़बड़ी सामने आई है। किट खरीदने के लिए जारी निविदा में जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है, उस पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे टेंडर हासिल करने का आरोप लगा है। हालांकि कंपनी का कहना है कि उनकी मंशा चीटिंग की नहीं थी। सूत्रों के अनुसार कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 6 लाख किट की निविदा जारी की थी।

ई प्रिक्योरमेंट निविदा क्रमांक 67832 जो की पीपीई (कवर ऑल ब्रीथवेल फैब्रिक) किट की निविदा 17 सितंबर को बुलाई गई थी। इसकी अंतिम तिथि 21 सितंबर रखी गई थी। पीपीई किट खरीदी करने के टेंडर में 14 निविदाकारों ने हिस्सा लिया। पहले स्टेज पर कुल 11 कंपनियों के दस्तावेज सही मिले थे। उनमें से सैंपल जांच और सर्टिफिकेट की जांच में कुल 5 निविदाकार ही सफल घोषित पाए गए। इसमें पीडी इंटरप्राइजेज ने सबसे कम कीमतों के साथ टेंडर भरा। पीडी इंटरप्राइजेस ने सबसे कम जीएसटी के साथ 304.4 रुपए प्रति किट के हिसाब से टेंडर भरा, जो सबसे कम था।

क्रय नियंत्रक समिति से नहीं मिला जवाब

कोविड आपदा के लिए पीपीई किट खरीदी के लिए बनाई क्रय नियंत्रक समिति की तरफ से फिलहाल इस संबंध में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। समिति के अध्यक्ष राजेश टोप्पाे से फोन में संपर्क की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

यह है आरोप

कवर ऑल ब्रीथेवल फेब्रिक नॉन लेमिनेटेड कपड़े के लिए टेंडर निकाला गया। एल-1 आने वाली फर्म पीडी इंटरप्राइजेस ने भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से नॉन लेमिनेटेड कपड़े की टेस्ट करवाई ही नहीं। फर्म ने लेमिनेटेड कपड़े की टेस्टिंग डीआरडीओ से करवाई थी। डीआरडीओ ने सर्टिफिकेट जारी किया। सीजीएमएससी ने अपनी निविदा में नॉन लेमिनेटेड पीपीई किट मांगी थी। डीआरडीओ के सर्टिफिकेट क्रमांक कोविड-19/आईएनएमएएस/2405-20/- बीकेएस 01, जिसमें लेमिनेटेड लिखा है। हरिभूमि को मिली शिकायत में कहा गया है कि उस सर्टिफिकेट में काट-छांट कर उसे नॉन लेमिनेटेड कर दिया।

मंशा गलत नहीं

हमारी मंशा गलत नहीं है। प्रोडक्ट के टेस्ट संबंधी दस्तावेज के बारे में आप दूसरी कंपनी से बात कर सकते हैं। हमे बीकेएस मार्केटिंग एंड इनोवेशन ने टेंडर के लिए अथॉर्टी दी थी। उनसे बात कर सकते हैं। – अजय अग्रवाल, एमडी, पीडी इंडर प्राइजेस

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