Thursday, April 18, 2024
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रेमडेसिविर की कालाबाजारी: मरीज की मौत के बाद इंजेक्शन चुरा लेता था वॉर्ड बॉय, 36 हजार में 2 बेचते पकड़ा गया…

मध्यप्रदेश: छिंदवाड़ा के सरकारी कोविड अस्पताल में वार्ड बॉय 2 इंजेक्शन बेचते पकड़ाया है। इसका खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित के परिजन ने 14 हजार रुपए देकर इंजेक्शन खरीदा। उसने पुलिस से शिकायत कर दी। पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी मरीज की मौत के बाद बचे हुए इंजेक्शन चुरा लेता था। इसके बाद ज्यादा दामों में बेच देता था।

इधर, दो दिन पहले ही कोविड प्रभारी मंत्री बनाए गए अरविंदसिंह भदौरिया ने छिंदवाड़ा में व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। मंत्री ने दावा किया था, जिला चिकित्सालय में रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। अब दो दिन बाद ही सिस्टम की पोल खुल गई। जब जिला चिकित्सालय में एक संक्रमित मरीज की जान बचाने उसके परिजन को इंजेक्शन के लिए 36 हजार रुपए चुकाने पड़े।

18 हजार रुपए में बेच रहा था इंजेक्शन

मरीज के परिजन ने इंजेक्शन के लिए पहले जिला चिकित्सालय के कोविड वार्ड जाकर केंद्र प्रभारी से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इंजेक्शन नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया। बाद में चेतन नाम के वार्ड बॉय ने उनसे संपर्क किया। उसने 2 इंजेक्शन दिलाने का दावा किया। वार्ड बॉय ने प्रति इंजेक्शन के 18 हजार रुपए मांगे।

परिजन ने दो किस्तों में यह राशि उपलब्ध कराने की मांग की। पहली किस्त में 14 हजार रुपए दिए। इस पर वार्ड बॉय ने तत्काल 2 इंजेक्शन दे दिए। इसके बाद बाद पीड़ित के परिजन सिटी कोतवाली पहुंचे। जहां वार्ड बॉय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

केस दर्ज कर मामला जांच में लिया

कोतवाली टीआई मनीष राज भदौरिया ने बताया, यूडीएस नाम की आउटसोर्स कंपनी का वार्ड बॉय है, जो जिला अस्पताल में 36 हजार में 2 इंजेक्शन लेकर बेच रहा था। वह मरीज के लिए इंजेक्शन लेकर आता था। इतने में यदि मरीज की मौत हो जाती, तो वह इंजेक्शन खुद रख लेता था। पुलिस ने आरोपी वार्ड बॉय चेतन पर धारा 379 सहित आपदा प्रबंधन की धाराओं में केस दर्ज किया है।

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