बलरामपुर: जिले के शंकरगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम दोहना में दंतैल हाथी ने महिला को कुचलकर मार डाला। हाथी ने महिला के शव के दो टुकड़े कर दिए। महिला हाथी से बचने के लिए भाग रही थी। दंतैल हाथी करीब एक सप्ताह से क्षेत्र में विचरण कर रहा है। एक सप्ताह पहले दंतैल हाथी ने खलिहान में धान की रखवाली कर रहे किसान को मार डाला था।
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार रात 9 बजे दंतैल हाथी शंकरगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत दोहना अंतर्गत पतराटोली में पहुंच गया। हाथी के पहुंचने पर वन अमले ने गांव में मुनादी कराई कि लोग घरों से बाहर न निकलें। हाथी गांव के पास मौजूद है। ग्रामीणों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर और मुनादी सुनकर हाथी से बचने के लिए बसंती पैकरा (62 वर्ष) घर छोड़कर भागने लगी।
मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी।
हाथी के पास पहुंची तो कुचला
घर से भाग रही बसंती पैकरा रात के अंधेरे में अरहर की बाड़ी के पास मौजूद हाथी को नहीं देख सकी और भागते हुए हाथी के पास पहुंच गई। हाथी ने उसे सूंड से पकड़ लिया और पटककर कुचल दिया। हाथी ने उसके शरीर के 2 टुकड़े कर दिए। रातभर हाथी पतराटोली के पास मौजूद रहा। इससे लोग दहशत में रहे। देर रात को खदेड़े जाने पर हाथी हर्राटोली की ओर चला गया।
सुबह पड़ा मिला महिला का शव
शुक्रवार सुबह खेत की ओर गए लोगों ने बसंती पैकरा का शव अरहर बाड़ी के पास पड़ा देखा और सूचना वन अमले को दी। सूचना पर एसडीओ फॉरेस्ट रविशंकर श्रीवास्तव, रेंजर अखिलेश जायसवाल सहित वन अमले के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। वन अमले ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। वन अमले ने परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 25 हजार रुपये दिए हैं।
10 हाथियों का दल भी क्षेत्र में पहुंचा
दल से बिछड़े दंतैल हाथी द्वारा लोगों को मारे जाने के एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। 25 दिसंबर की सुबह हाथी ने ग्राम लडुवा में खलिहान में काटकर रखे गए धान की रखवाली करने गए रामधनी तिर्की (50 वर्ष) को कुचल दिया था। उसके साथ गए तीन ग्रामीणों ने भागकर जान बचाई थी। वहीं दंतैल हाथी जिस दल से बिछड़ा है, 10 हाथियों का वह दल भी राजपुर क्षेत्र के माकड़ से शंकरगढ़ क्षेत्र के भैरवपुर के जंगल में पहुंच गया है। हाथियों की मौजूदगी से लोग दहशत में हैं।