कोरबा: छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय के कैबिनेट में विधायक लखनलाल देवांगन ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। जातिगत समीकरण के हिसाब से उन्हें मंत्री बनाकर ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की गई है। उन्हें मंत्री बनाए जाने का फायदा आने वाले लोकसभा चुनाव में मिल सकता है।
विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से सरकार के मंत्रिमंडल गठन और नामों को लेकर चर्चा चल रही थी। भाजपा किसे मंत्री बनाएगी, इसे बेहद गोपनीय रखा गया। जिन्हें मंत्री बनाया गया है, उन्हें भी पहले इसकी जानकारी नहीं थी। मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण के अलावा जिलों का भी ख्याल रखा गया। नेताओं को उनके कद के हिसाब से मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
पार्षद से मेयर और फिर बने विधायक व कैबिनेट मंत्री।
लखनलाल क्यों बनाए गए मंत्री ?
लखनलाल देवांगन ओबीसी वर्ग (देवांगन जाति) के नेता है। कोरबा जिले में उनकी काफी संख्या है। कोरबा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनकी चुनावी सभा ली थी। 15 साल बाद कोरबा में कमल खिलाने का इनाम उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला है। माना जा रहा है कि कोरबा से मंत्री बनाने का फायदा लोकसभा चुनाव में मिलेगा। इस समीकरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें मौका दिया गया है।
पार्षद से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
लखनलाल देवांगन सहज और सरल स्वभाव के जमीनी नेता हैं। उन्होंने कोरबा में कपड़े की दुकान चलाकर नगर निगम में 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ा, जिसके बाद भाजपा की राजनीति में सक्रिय हो गए। इस दौरान संगठन में वे कई पदों पर रहे, फिर साल 2004 में कोरबा नगर निगम के मेयर बने। इसके बाद उन्हें 2013 में कटघोरा विधानसभा सीट से टिकट दिया गया और चुनाव जीत गए।
कटघोरा सीट से जीतने के बाद संसदीय सचिव बने थे लखनलाल देवांगन।
15 साल बाद भाजपा के लखनलाल देवांगन बने हैं विधायक
कोरबा विधानसभा सीट पर पिछले 15 साल से भाजपा की लगातार हार हो रही थी। जब भाजपा की सरकार थी, तब भी जयसिंह अग्रवाल ने चुनाव जीता था। इस बार लखनलाल देवांगन ने उनकी जीत की हैट्रिक पर ब्रेक लगा दिया और 26 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है।
सहल और सरल स्वभाव से बने लोकप्रिय नेता।
तस्वीरों में देखिए विधायक लखनलाल देवांगन का राजनीति सफर…
जीत पर परिवार वालों ने किया था आतिशी स्वागत।
जयसिंह अग्रवाल जैसे कद्दावर मंत्री को किया पराजित।
भाजपा संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए दिखाई सक्रियता।