रायपुर: ऑनलाइन ठगी के लिए देशभर में चर्चित जामताड़ा गैंग ने ठगी का नया पैटर्न निकाला है। अब वे फेसबुक की तरह वॉट्सएप हैक कर रहे हैं। किसी का भी वाट्सएप हैक करने के बाद वे उनके परिचिताें को मैसेज कर पैसों की मांग करते हैं। मैसेज चूंकि उसी नंबर से आता है जिसमें अक्सर चैटिंग करते हैं, इसलिए परिचित धाेखा खाकर ऑनलाइन ही ट्रांजेक्शन कर रहे हैं।
चौंकाने वाली बात हैं कि पिछले डेढ़ माह के दौरान ही आजाद चौक, पंडरी और आमानाका इलाके की 17 महिलाओं का वाट्सएप हैक किया जा चुका है। इनके नाम से ठगी कितने पैसों की हुई है? ये खुलासा नहीं हुआ अलबत्ता ये जरूर है कि ज्यादातर महिलाएं हाई प्रोफाइल परिवार की हैं। साइबर सेल को हैकिग में जामताड़ा गैंग होने क्लू मिला है। उनके हैकिंग और ठगी के पैटर्न की पड़ताल की जा रही है।
प्रारंभिक जांच के अनुसार जामताड़ा गिरोह ने वॉट्सएप को इस तरह से हैक करने का सिस्टम निकाला है, जिसमें यूजर अपने नंबर पर दोबारा वॉट्सएप इंस्टॉल नहीं कर सकते। अब तक साइबर यूनिट को जितने भी केस मिले हैं, उसमें ई-कॉमर्स कंपनी के नाम से टारगेट को फोन किया गया है। उन्हें झांसा देकर उनके मोबाइल नंबर से एक मैसेज अपने मोबाइल पर करवाया जाता है। उसके बाद टारगेट के मोबाइल नंबर का कॉल ठग जिस नंबर पर चाहते हैं, उस नंबर पर डायवर्ट कर लिया जाता है।
इसके बाद पीड़ित के नंबर से ठग वाट्सएप इंस्टॉल करते हैं। वेरीफिकेशन के लिए वे वेरीफिकेशन कॉल का विकल्प चुनते हैं। चूंकि कॉल उन्हीं के नंबर पर डायवर्ट होकर आता है, ऐसी दशा में वे खुद फोन रिसीव कर वाट्सएप इंस्टॉल का वेरीफिकेशन कर देते हैं। उसके बाद फिर वे टारगेट के वाट्सएप का मनचाहे तरीके से उपयोग करते हैं। इधर टारगेट को पता ही नहीं रहता कि उनके मोबाइल नंबर से किसे और क्या-क्या मैसेज भेजा जा रहा है।
मोबाइल हैकिंग का ऐसे चला पता
पुलिस के पास अब तक जितनी भी शिकायतें आईं हैं उनमें ठगों की जाल में फंसी महिलाओं को कई घंटों बाद पता चला कि उनका वाट्सएप हैक हो गया है। जब काफी देर तक उनके मोबाइल पर कोई मैसेज नहीं आया और जब उन्होंने मोबाइल चेक किया तो पता चला उनके फोन में किसी का भी वाट्सएप नंबर डिस्प्ले नहीं हो रहा है। ऐसा क्यों हुआ ये समझने में भी ज्यादातर को कई घंटे लग गए। हालांकि इन महिलाओं के नाम पर अब तक कितने की ठगी हुई या क्या दुरुपयोग किया गया है, ये पता नहीं चला है।
बार-बार रि-इंस्टॉल करें ताकि ब्लॉक हो नंबर
साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी ने बताया कि कंपनी के नंबर से कॉल नहीं आता है तो सामान बुक करने से इंकार कर कॉल कट कर दें। अगर कोई झांसे में आ गया है और शिकार हो गया है तो कॉल डायवर्ट हटाने का प्रोसेस करें। इसके बाद अपने परिजनों के नंबर से वॉट्सएप में शिकायत करें। सभी ग्रुप में इस सूचना को डाल दें कि उनका वाट्सएप हैक हो गया है ताकि कोई भी झांसे में आकर रकम ट्रांसफर न करे।
इसके अलावा बार-बार अपने नंबर पर वॉटसन रि-इंस्टॉल करते रहें और ओटी पी में कोई भी नंबर डालते रहें ताकि नंबर ब्लॉक हो जाए और पीड़ित दूसरा ब्लॉक हटवाने के दौरान डायवर्ट को हटवा सकें। जांच में सामने आया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों से डाटा लीक होकर गिरोह को मिल रहा है।
हैकिंग के पैटर्न का अध्ययन करने से पता चला है कि अभी देश के कई शहरों में इस फार्मूले से ठगी की जा रही है। ये पैटर्न झारखंड के जामताड़ा गैंग का है। हाईटेक जांच से मैसेज और कॉल आने वाले फोन का लोकेशन निकाला जा रहा है।
लखन पटले,एडिशनल एसपी सिटी
कुरियर के नाम से करते हैं कॉल, फिर फंसाते हैं जाल में
पुलिस की अब तक की पड़ताल में पता चला है कि जामताड़ा गैंग के ठग टारगेट का चयन करने के बाद कुरियर वाला बनकर कॉल करते हैं। फोन करने के लिए उन्होंने ट्रेंड स्टाफ रखा है। कॉल पर टारगेट को कहा जाता है कि आपका कुरियर आया है। जिसने कोई कुरियर मंगाया होता है वह उनकी बात में आ जाता है।
कुरियर वाला कहता कि आपको आर्डर रिसीव करने के लिए *401* के बाद 10 अंकों का एक नंबर लिखकर अपने मोबाइल पर डायल करना होगा। 10 अंकों का नंबर कुरियर ब्वॉय बने ठग खुद बताते हैं। ऐसा करते ही टारगेट का मोबाइल हैक हो जाता है।
साइबर सेल के डीएसपी दिनेश सिन्हा ने बताया ऐसा टारगेट जिसने कोई कुरियर नहीं मंगवाया है, वे जब ठगों से कहते हैं कि हमने कोई आर्डर नहीं किया है तो उनसे कहा जाता है कि ठीक है, आपका गलत आर्डर हो गया है। इसे कैंसिल करना होगा। कैंसिल करने के लिए ठग वही प्रोेसेस करवाते हैं और उनका मोबाइल भी हैक कर लिया जाता है।