रायपुर: राजिम कुंभ कल्प राममय होगा। श्रद्धालु राजिम पहुंचकर अयोध्या धाम का वैभव देख सकें, इसलिए अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर कुंभ का मुख्य पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल में भगवान राम के बचपन, उनकी शिक्षा-दीक्षा, शादी, वनवास, माता शबरी से भेंट, राम-भरत मिलाप की खूबसूरत झांकियां सजाई गई हैं।
आयोजन समिति के मुताबिक ये पंडाल पूरे कुंभ के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगा। इसके अलावा लेजर शो में भांचा राम की झलकियां दिखाई जाएंगी।
राजिम कुंभ में इस तरह से स्टेज बनाया गया है।
राजिम कुंभ कल्प का आयोजन देश और दुनिया के पर्यटन नक्शे पर छाप छोड़ सके, इसलिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने पूरी तैयारी की है।
राजिम कुंभ कल्प के उद्धाटन से पहले आयोजन स्थल की तस्वीर।
मुंबई-छत्तीसगढ़ के कारीगरों ने बनाया अयोध्या मंदिर जैसा पंडाल
समिति के सदस्यों के मुताबिक अयोध्या मंदिर जैसा पंडाल बनाने के लिए एक्सपर्ट की मदद ली गई है। मुंबई के एक्सपर्ट और छत्तीसगढ़ के कारीगरों की संयुक्त टीम ने इस पंडाल को बनाया है। ये पंडाल 350 कारीगरों और एक्सपर्ट ने 10 दिनों में दो शिफ्ट में काम करके तैयार किया है।
इस पंडाल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। पंडाल में पहुंचने वाले श्रद्धालु भीड़ के रूप में जमा ना हों, इसलिए एहतियातन CCTV कैमरों से पंडाल की निगरानी की जा रही है।
अयोध्या मंदिर पंडाल में सजी हैं मूर्तियां
राजिम कल्प कुंभ के उद्धाटन से पहले दैनिक भास्कर की टीम ने आयोजन स्थल का दौरा किया। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारी अयोध्या मंदिर पंडाल और संगम में लगाए गए फाउंटेन की जांच करते दिखे।
देखिए- पंडाल में लगाई गई मूर्तियों की झलक…
वन गमन करते भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां।
सबसे बड़ी झांकी राम वन गमन पथ की
पंडाल के अंदर सबसे बडी झांकी राम वन गमन पथ की है। इस झांकी में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की बडी मूर्तियां लगी हैं। मूर्तियों के नीचे छत्तीसगढ़ राम वन गमन पथ का नक्शा बना हुआ है। नक्शे पर पटरी बिछी हुई है और उसके चारों तरफ लेजर को सेट किया गया है।
श्रद्धालु उद्धाटन के बाद जब इस पंडाल के अंदर पहुंचेंगे, तो भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ राम वन गमन पथ पर चलते हुए दिखाई देंगे।
लोमेश ऋषि के आश्रम में भगवान श्रीराम।
लोमस ऋषि के आश्रम की झांकी
पंडाल के अंदर लोमस ऋषि के आश्रम की झांकी भी बनाई गई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण और माता सीता ने यहां के लोमस ऋषि आश्रम में कुछ समय बिताया था।
कुलेश्वर महादेव की पूजा करते भगवान श्रीराम और माता सीता की मूर्ति।
कुलेश्वर मंदिर स्थापना की झांकी
पंडाल के अंदर कुलेश्वर महादेव मंदिर स्थापना की झांकी भी बनाई गई है। इस झांकी में भगवान राम और सीता शिवलिंग की पूजा करते दिखाई दे रहे हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार कुलेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना माता सीता ने की थी, जो दुनिया का पहला पंचमुखी शिवलिंग है।
श्रीराम ने कुलेश्वर महादेव की पूजा अपने कुल देवता के रूप में की थी। यहां के भगवान श्री राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर का अपना अलग ही इतिहास है जो लोगों की आस्था का केंद्र है।
आश्रम में लवकुश के साथ खेलती माता सीता की झांकी।
लवकुश के साथ माता सीता की झांकी
पंडाल में माता सीता की लव-कुश के साथ खेलते हुए मूर्तियां लगाई गई हैं।
चंदखुरी में लगी प्रतिमा से मिलती-जुलती प्रतिमा भी लगाई गई है।
कौशल्या धाम की झांकी भी लगाई गई है
राजिम कुंभ में बने अयोध्या मंदिर पंडाल में कौशल्या धाम की स्थापना की गई है। यहां पर चंदखुरी में लगी प्रतिमा से मिलती-जुलती प्रतिमा लगाई गई है। पंडाल के अंदर कौशल्या प्रतिमा से जुड़ी जानकारी भी लिखी हुई है।
पंडाल में राम दरबार की झांकी भी लगाई गई है।
पंडाल में राम दरबार की भी झांकी
पंडाल में राम दरबार की झांकी भी सजी है। इसमें राम, सीता और लक्ष्मण एक साथ खड़े हैं। हनुमान जी नीचे बैठे हुए हैं।
पंडाल के अंदर लगी राम-भरत मिलाप की झांकी।
राम-भरत मिलाप की झांकी भी लगी है
अयोध्या मंदिर पंडाल में राम-भरत मिलाप की झांकी भी लगी हुई है। वनवास के दौरान जब भरत भगवान श्रीराम को मनाने पहुंचे थे, उसी समय को झलकाती मूर्ति लगाई गई है।
राजिम कुंभ कल्प में बनाया गया परिक्रमा पथ।
परिक्रमा पथ किया गया चौड़ा
कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी ना हो, इसलिए परिक्रमा पथ को और चौड़ा किया गया है। परिक्रमा पथ के साथ ही जिस जगह बाजार लगेगा, वहां का रास्ता भी चौड़ा किया गया है। प्रयाग कुंभ की तर्ज पर इस बार राजिम कुंभ में दुकानों का भी निर्माण किया गया है।
(Bureau Chief, Korba)