KORBA: कोरबा के साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (SECL) दीपका माइंस में 211 करोड़ की लागत से बने ओसीपी सीएचपी-साइलो का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल उदघाटन किया। बता दें कि दीपका खदान SECL के तीन मेगा प्रोजेक्ट्स में से एक है और देश की सबसे बड़ी कोयला खदानों में शामिल है।
वर्तमान में दीपका खदान की क्षमता लगभग 40 मिलियन टन है और भविष्य में खदान की क्षमता में और वृद्धि करने की योजना है। इसे ध्यान में रखते हुए दूर खदान से कोयला परिवहन को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दीपका ओसीपी सीएचपी साइलो एफएमसी परियोजना का निर्माण किया गया है।
25 मिलियन टन कोयला मैकेनाइज्ड कर भेजा जाएगा
बंकर, कन्वेयर बेल्ट, साइलो तथा रैपिड लोडिंग सिस्टम से लैस इस एफएमसी परियोजना की लागत लगभग 21.22 करोड़ रुपए है और इससे हर साल 25 मिलियन टन क्षमता में कोयला मैकेनाइज्ड तरीके से बिजली संयन्त्रों सहित विभिन्न उद्योगों को भेजा जा सकेगा। दीपका ओसीपी सीएचपी साइलो, एसईसीएल दीपका मेगा प्रोजेक्ट में स्थित है।
ओवरग्राउंड बंकर क्षमता 20,000 टन और कन्वेयर बेस्ट की लंबाई 1.86 किमी बताई गई है। उक्त परियोजना में साइलो की संख्या 2 है जिसमें साइलो की क्षमता 3.000 टन आरएलएस की लोडिंग क्षमता 4500-8500 टन प्रति घंटा होगी।
हर दिन 250 लोगों को मिलेगा रोजगार
परियोजना के निर्माण चरण के दौरान हर दिन और 250 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। तथा परियोजना के चालू हो जाने पर हर दिन 100 लोगों को रोजगार मिलेगा। दीपका एरिया के महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने बताया किअब तक उनके पास 15 मिलियन टन का ही साइलो था।
प्रदूषण पर भी लगेगा अकुंश
40 मिलियन टन खदान की क्षमता होने की वजह से 25 मिलियन टन क्षमता वाली साइलों का निर्माण हो गया है। आगामी समय में इस साइलों से प्रदूषण रहित कोल ट्रांसपोर्टिंग की सुविधा मिल सकेगी। वहीं सड़क मार्ग से होने वाले कोयला परिवहन पर भी दबाव कम होगा जिससे प्रदूषण पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा।
(Bureau Chief, Korba)