Friday, April 19, 2024
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RAIPUR- पहले दिन अंत्योदय कार्ड लेकर नहीं पहुंचे युवा, 9200 रु के 23 टीके बर्बाद…

रायपुर: देशभर के साथ राजधानी में युवाओं का टीकाकरण शनिवार को शुरू हो गया। रायपुर शहर और आउटर में 14 केंद्र बने थे, जिनमें 2 केन्द्रों में टीका नहीं पहुंचने की वजह से टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया, वैक्सीन लगाने की शुरुआत भी डेढ़ घंटे लेट रही, यानी 3 के बजाय अधिकांश केंद्रों में टीकाकरण साढ़े 3 बजे या इसके बाद भी शुरू हुआ। बड़ी दिक्कत यह आई कि जो युवा पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवा चुके थे, वो केंद्रों तक आए। उनके लिए वैक्सीन के वायल भी खुल गए, लेकिन कईयों को अंत्योदय राशन कार्ड नहीं होने के कारण लौटना पड़ा। इस वजह से पहले दिन शहरी केंद्रों में 8 और आउटर में 15 यानी कुल 23 डोज बर्बाद भी हुए, जिनकी कीमत 9200 हजार रुपए थी। गुढ़ियारी के प्रायमरी हेल्थ सेंटर में पहले दिन सबसे ज्यादा 17 टीके लगाए गए। हालांकि शहर से दूर तिल्दा और सिलियारी के एक-एक केंद्र में एक भी टीका नहीं लग पाया। रायपुर में करीब 9 लाख लोगों को इस श्रेणी में टीके लगाए जाने हैं। पहले दिन 18 से 44 साल के साथ अंत्योदय श्रेणी में केवल 124 टीके ही लग पाए। सभी युवाओं को कोवैक्सीन का डोज लगाया गया है।

शाम तक केवल 9 टीके

पंडरी में देर शाम पांच बजे तक केवल 9 ही टीके लग पाए। पंडरी में दूसरा टीका लता सोनी(36 साल), तीसरा टीका राजन (38 साल) चौथा टीका विजय साहू (42 साल) पांचवां टीका 43 साल की रितू साहू, छठवां टीका मिथलेश (29 साल), सातवां टीका रानी साहू (37 साल), आठवां टीका प्रभात दीप (24) और नौवां टीका हेमंत (27 साल) और दसवां अजय (24 साल) को लगा। को-वैक्सीन का यहां केवल एक ही वायल खोला गया, जिसमें से 10 लोगों को टीके लगाए गए। आपको बता दें कि कोवैक्सीन वायल अब 10 डोज का आ रहा है। इसके पहले आए एक वायल में 20 डोज रहते थे।

कार्ड नहीं इसलिए ये लौट गए।
कार्ड नहीं इसलिए ये लौट गए।

मोवा की दुबे कालोनी से मीना पहला टीका लगवाने के लिए 1 बजे से ही सेंटर पहुंचीं

पंडरी जिला अस्पताल में पहला टीका मुझे ही लगे… इस जज्बे के साथ 43 साल की मीना वर्मा करीब एक बजे ही अस्पताल के वैक्सीनेशन बूथ पर पहुंच गई। तब तक वैक्सीनेशन के लिए अस्पताल में कोई बंदोबस्त तक नहीं हो पाया था। क्योंकि अस्पताल परिसर के दूसरे हिस्से में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण चल रहा था। करीब डेढ़ बजे के बाद ही व्यवस्था बनने के बाद ही मीना टीके की औपचारिकताएं कर पाई। यहां नगर निगम रायपुर की ओर से फ्रंट डेस्क पर तैनात ग्रीन गैंग की महिलाओं ने उनके नाम को रजिस्टर के पन्ने पर दर्ज किया।

निगम और स्मार्ट सिटी की ओर से अधिकारी पोर्टल नहीं खुल पाने के कारण उनके नाम को पोर्टल पर दर्ज नहीं करवा पाए। इस बीच पांच और लोग भी आ गए सभी के नाम आधार राशन कार्ड और मोबाइल नंबर भी लिख लिए गए। 2 बजे के आसपास वैक्सीन लगाने वाले अमले का लंच ब्रेक हो गया। दोपहर करीब ढ़ाई बजे के आसपास मीना को पहला टीका लगने ही वाला था कि अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता एक नियम लेकर आ गए जिसमें उन्होंने कहा कि पोर्टल में नाम आए बिना इनको टीका लग ही नहीं सकता। आला अधिकारियों से फोन पर बातें होती रही, जिसके बाद केवल राशनकार्ड के आधार पर टीका लगाने को हरी झंडी मिल गई। मीना वर्मा को दोपहर साढ़े 3 बजे के आसपास पहला टीका लगा।

कोटा से आई नेहा, महक, अदिति और किंजल, राशन कार्ड नहीं इसलिए निराश

राजधानी के कोटा इलाके से जागरुकता दिखाते हुए अपनी सहेलियों के साथ नेहा, महक, अदिति और किंजल टीका लगवाने आई। लेकिन चूंकि इन सभी का परिवार अंत्योदय कार्डधारी नहीं है। इसलिए फ्रंट डेस्क पर ही इन्हें टीके के लिए मना कर दिया गया। इसी तरह करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग केवल इसलिए वापस हुए क्योंकि उनके पास अंत्योदय वाला कार्ड नहीं था। रिक्की सिंह ने भास्कर को बताया कि उन्होंने 28 अप्रैल को रजिस्ट्रेशन करवाया था। रजिस्ट्रेशन अप्रूव भी हो गया था। लेकिन टीकाकरण केंद्र पर आने के बाद इस नए नियम के बारे में उन्हें पता चला।

कोटा इलाके की रहवासी नेहा ने कहा कि शासन को इसमें अमीरी गरीबी की श्रेणी नहीं रखते हुए सभी नौजवानों को टीके लगाने चाहिए। हम भी वोट देतें हैं सरकार चुनते हैं तो ये अधिकार हमें क्यों नहीं मिल रहा है। अदिति ने कहा कि भरी गर्मी में इतने दूर आने के बाद टीका नहीं लगा हमारा उत्साह ही खत्म हो गया।

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