38 साल के मयंक की 9 अप्रैल को तबीयत खराब हो गई थी। वह 17 अप्रैल को नोएडा कोविड अस्पताल में एडमिट हुआ। इसके बाद उनके पिता उदय प्रताप भी कोरोना पॉजिटिव हो गए।
हाइलाइट्स:
. नोएडा कोविड अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहा था 38 वर्षीय बेटा।
. पिता भी हुए कोरोना संक्रमित, सांसे उखड़ने पर भी नहीं मिल रहा था बेड।
. पिता के लिए अस्पताल प्रशासन से की बात, अपना बेड छोड़ने का रखा विकल्प।
नोएडा- नोएडा में एक 38 साल के बीमार बेटे ने कोरोना संक्रमित अपने पिता के लिए बेड छोड़ दिया। मयंक प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप कोरोना संक्रमित हो गए थे। इसके बाद उनकी सांसे उखड़ने लगी तो उन्हें कहीं बेड नहीं मिला। इसके बाद नोएडा कोविड अस्पताल में एडमिट उनके बेटे मयंक ने पिता के लिए अपना बेड छोड़ने का फैसला किया। मयंक खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद अपना इलाज करा रहे थे। मयंक अब होम आइसोलेशन में हैं।
17 अप्रैल को एडमिट हुए थे मयंक
बेटे मयंक की तबीयत 9 अप्रैल को खराब हुई थी। इसके बाद 17 अप्रैल को वह नोएडा कोविड अस्पताल में एडमिट हुए थे। इस बीच उनके पिता की तबीयत बिगड़ गई। उनका ऑक्सिजन लेवल भी गिरने लगा। जब उनके पिता को कहीं बेड नहीं मिला तो मयंक ने अपना बेड छोड़ने का फैसला किया। मयंक ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि मेरी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 12 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी। काफी प्रयासों के बाद 17 अप्रैल को मुझे नोएडा कोविड अस्पताल में बेड मिला लेकिन मुझे वहां जनरल वार्ड में रखा गया था।
पिता की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही थी
मयंक ने बताया कि जब मेरी तबीयत बिगड़ी तो मुझे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मेरा इलाज शुरू हुआ और मैं 10 दिन तक अस्पताल में एडमिट रहा। एक बार जब मेरा ऑक्सिजन लेवल स्थिर हो गया तो उसके बाद मुझे अपने पिता के बीमार होने की जानकारी मिली। मेरे पिता की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी और ऑक्सिजन लेवल भी कम हो रहा था।
तो डॉक्टर पिता को एडमिट करने को राजी हो गए
हमने अस्पताल में बेड खोजने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद मयंक ने सीनियर डॉक्टर से संपर्क किया। उसने डॉक्टर से कहा कि भले ही मैं अभी कमजोरी महसूस कर रहा हूं लेकिन पिता की तुलना में मेरी हालत ठीक है। मैंने अपना बेड खाली करने की इच्छा जताई तो डॉक्टर राजी हो गए। इसके बाद 27 अप्रैल को उनके पिता को अस्पताल में एडमिट कर लिया गया। मयंक के पिता अभी आईसीयू में हैं।