बलरामपुर: जिले के वाड्रफनगर के चांचीडांड में संचालित एकलव्य स्कूल में बच्चों के साइकिल से लकड़ी ढुलवाने का वीडियो सामने आया है। बच्चे कह कह रहे हैं कि शिक्षक ने लकड़ी मंगाई है। इस मामले में कलेक्टर कलेक्टर आर. एक्का ने जांच के आदेश दिए हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी दूसरे स्कूल के बच्चे साइकिल से भारी मात्रा में लकड़ी लेकर स्कूल के अंदर घुस रहे हैं। उनसे पूछा गया कि लकड़ी किसने मंगाई है, तो कहा कि गुरूजी ने। बच्चों को 10 रुपए का लालच देकर लकड़ी ढुलवाया गया।
लकड़ी लेकर एकलव्य विद्यालय में प्रवेश करते बच्चे।
लड़की से बनता है खाना और मिड-डे-मील
जिले के पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जलाऊ लकड़ी आसपास के जंगलों से आसानी से मिल जाता है। इस कारण आवासीय स्कूल का भोजन और स्कूलों का मिड-डे-मील जलाऊ लकड़ी से बनता है। लकड़ी ढोने वालों को ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं, इसलिए स्कूली बच्चों से ही लकड़ी मंगाई जाती है। चांचीडांड एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य आरके सिंह से संपर्क की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई।
एबीईओ ने मौके पर पहुंचकर की जांच
इस मामले की जांच करने एबीईओ चांचीडांड पहुंचे, जहां प्राचार्य सहित अन्य लोगों का बयान दर्ज किया है। बताया गया है कि शिक्षक ने बच्चों को लकड़ी लाने पर पैसे देने कहा था। बच्चों ने पास के जंगलों से लकड़ी काटी थी। जिसे साइकिल में लेकर आए। बच्चों से काम कराने को लेकर लोगों ने भी आक्रोश है।
बलरामपुर कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
सहायक आयुक्त राकेश सोनी ने बताया कि वाड्रफनगर बीईओ से मामले की जांच कराई जा रही है। लकड़ी ढोने वाले बच्चे एकलव्य के नहीं हैं। वाड्रफनगर बीईओ की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ कह पाएंगे। हालांकि बच्चों से लकड़ी मंगवाना गलत है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
(Bureau Chief, Korba)