Friday, March 29, 2024
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छत्तीसगढ़- CMHO संक्रमित होने के 3 दिन बाद पहुंच गए ड्यूटी, जिले का दौरा किया, बैठक भी ली; बोले- आइसोलेशन में रहूंगा तो आदेश कौन देगा…

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के मेडिकल ऑफिसर ही कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने में लगे हुए हैं। जगदलपुर के चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर (CMHO) तो संक्रमित होने के 8वें दिन कुर्सी संभालने पहुंचे थे। बेमेतरा के CMHO डॉक्टर एसके शर्मा उनसे भी आगे निकले। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के लिए 3 दिन बाद ही ड्यूटी पर पहुंच गए। जिले का दौरा किया। कर्मचारियों की बैठक भी ली। डॉक्टर साहब से इस बारे में पूछा गया तो बोले- मैं आइसोलेशन में रहूंगा तो आदेश कौन देगा।

दरअसल, CMHO डॉक्टर एसके शर्मा 20 अप्रैल को ट्रूनॉट जांच में पॉजिटिव मिले थे। उनके संपर्क में आए 2 और कर्मचारी 2 दिन बाद संक्रमित हो गए। CMHO साहब 3 दिन होम आइसोलेशन में रहे। फिर अपनी कुर्सी संभालने पहुंच गए। इस दौरान भी वे दफ्तर में नहीं बैठे, बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों का बैठक लेते रहे। बेमेतरा, नवागढ़, साजा और बेरला के स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। जिला अस्पताल में ट्रूनॉट सेंटर लैब और कोविड सेंटर का निरीक्षण भी किया।

चीफ मेडिकल अफसर ने ही तोड़ दिया कोविड प्रोटोकॉल, संक्रमित पाए जाने के 8वें दिन पहुंच गए पदभार ग्रहण करने

CMHO स्वास्थ्य कर्मियों का बैठक लेते रहे। बेमेतरा, नवागढ़, साजा और बेरला के स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। जिला अस्पताल में ट्रूनॉट सेंटर लैब और कोविड सेंटर का निरीक्षण भी किया।

CMHO स्वास्थ्य कर्मियों का बैठक लेते रहे। बेमेतरा, नवागढ़, साजा और बेरला के स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। जिला अस्पताल में ट्रूनॉट सेंटर लैब और कोविड सेंटर का निरीक्षण भी किया।

जहां गए अब वहां भी संक्रमण फैलने का खतरा, दोनों कर्मचारी आइसोलेट
शासन का आदेश है कि कोई भी संक्रमित मिले तो कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाए। हालांकि CMHO साहब के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उनके संपर्क में आए कर्मचारी संदेह में है और डरे हुए भी हैं। हालांकि ड्यूटी के प्रोटोकाॅल के चलते कुछ भी नही कर पा रहे। संकमित मरीज को 17 दिन क्वारैंटाइन रहना है। इस बीच वह बाहर नहीं निकल सकता। नियम के उल्लंघन पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। वहीं दोनों संक्रमित कर्मचारी फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं।

कर्मचारियों को कोरोना होने पर 17 दिन के दे रहे अवकाश
जिला अस्पताल में मार्च और अप्रैल में 30 कर्मचारी और अधिकारी संक्रमित हुए हैं। इसमें 20 स्टॉफ नर्स,4 लैब टेक्नीशियन, एक ओटी टेक्नीशियन और 5 डॉक्टर शामिल हैं। ये सभी संक्रमित होने के बाद 17 दिन होम आइसोलेशन में रहे। कुछ कर्मचारी अभी भी क्वारैंटाइन हैं। कुछ दिन पहले ही कर्मचारियों के संक्रमण होने के बाद 7 दिन में ड्यूटी पर लौटने की आदेश को वापस ले लिया है। कर्मचारियों से कहा गया है कि उन्हें संक्रमित होने पर 17 की छुट्टी मिल सकती है।

CMHO डॉक्टर एसके शर्मा 20 अप्रैल को ट्रूनॉट जांच में पॉजिटिव मिले थे। उनके संपर्क में आए 2 और कर्मचारी 2 दिन बाद संक्रमित हो गए।

CMHO डॉक्टर एसके शर्मा 20 अप्रैल को ट्रूनॉट जांच में पॉजिटिव मिले थे। उनके संपर्क में आए 2 और कर्मचारी 2 दिन बाद संक्रमित हो गए।

आम आदमी और सरकारी अधिकारी का फर्क
जिले में पिछले एक साल में कई ऐसे मामले हैं जब कोविड नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ मामले बनाये गए। लेकिन, यही गलती एक अधिकारी द्वारा किए जाने पर प्रशासन मौन हैं। ऐसे में फिर स आम व्यक्ति और शासकीय अधिकारी में फर्क पैदा हो गया है। शासकीय अधिकारियों को नियमों तोड़ निकालने या फिर इसकी अवहेलना मिलने की विशेष छुट कैसे मिल जाती है। जबकि यह कुछ दिन बाद ज्वाइनिंग करने पर भी कोई विशेष फर्क नहीं पड़ जाता।

ऐसा ही जगदलपुर के CMHO ने भी किया था, फिर बोले- मेरी रिपोर्ट निगेटिव है
करीब 10 दिन पहले ऐसा ही मामला जगदलपुर में भी सामने आया था। जब CMHO डॉक्टर आरके चतुर्वेदी को हटाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने डॉक्टर जीपी शर्मा जिम्मेदारी सौंपी थी। इस दौरान जीपी शर्मा कोरोना पॉजिटिव होकर होम आइसोलेशन पर थे। ऑर्डर जारी होते ही नियमों को दरकिनार कर 8वें दिन ही पद भार ग्रहण करने दफ्तर पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट निगेटिव होने का दावा किया था, पर 3 दिन बाद ट्रूनॉट टेस्ट में पॉजिटिव मिले थे।

– तीन दिन में सर्दी-बुखार ठीक होने पर फिर से जांच कराई। तब मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इससे दूसरे को संक्रमण होने का खतरा नहीं है। राज्य के आदेश से क्या होता है। मैं होम आइसोलेशन में रहूंगा तो आदेश जारी और पदभार कौन संभालेगा। 17 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना जरूरी नहीं है।
– डॉ. एसके शर्मा, CMHO, बेमेतरा

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